Gayatri Mantra: कष्टों से छुटकारा दिलाता है गायत्री मंत्र, जान लें इस मंत्र से जुड़े सही नियम
Gayatri Mantra: गायत्री मंत्र का जाप मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है. इस मंत्र का जाप पूरे नियम के साथ करना चाहिए.
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Gayatri Mantra: हिंदू धर्म में मंत्रों के जाप का विशेष महत्व होता है. मंत्रों के जाप से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है. सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र के जाप की महिमा अद्भुत बताई गई है. गायत्री मंत्र को वेदों का सार माना जाता है.
यह सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है और इसका जाप करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं. गायत्री मंत्र का जाप मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है. शास्त्रों के मुताबिक नियमित रूप से गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है. इस मंत्र जाप के कुछ खास नियम हैं जिनका पालन जरूरी है.
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
इस मंत्र का अर्थ है कि हे सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा जिसके तेज का हम ध्यान करते हैं, उस परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे.
गायत्री मंत्र जाप करने के नियम
गायत्री मंत्र का जाप हमेशा सूर्योदय से दो घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक किया जाना चाहिए वरना आपको इसका लाभ नहीं मिलेगा. मौन रहकर भी गायत्री मंत्र का मानसिक जाप किया जा सकता है. इस मंत्र का जाप रात में करने से बचना चाहिए.
गायत्री मंत्र का जाप हमेशा स्नान करने के बाद पीले वस्त्र पहनकर करना चाहिए. कभी भी काले या गहरे रंग के वस्त्र पहन कर इस मंत्र का जाप ना करें. गायत्री मंत्र का जाप कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके नहीं करना चाहिए.
पूर्व दिशा में मुंह करके ही इसका जाप करना उत्तम माना जाता है. कभी भी मांस, मछली या मदिरा के सेवन के बाद गायत्री मंत्र का जाप ना करें वरना आपको बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
गायत्री मंत्र का जाप स्पष्ट और सही उच्चारण के साथ करना चाहिए. नियमित रूप से कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप करना उत्तम होता है. इस मंत्र के जाप के लिए रुद्राक्ष या मौली की माला का प्रयोग करें.
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