Geeta Ka Gyan: श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों का वर्णन है. गीता के ये उपदेश श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को दिए थे. गीता में दिए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और मनुष्य को  जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं. गीता की बातों को जीवन में अपनाने से व्यक्ति को खूब तरक्की मिलती है. श्रीमद्भागवत गीता की बातों को अपनाने से जीवन संवर जाता है. इन बातों का अनुसरण करने से व्यक्ति के अंदर से क्रोध और ईर्ष्या की भावना खत्म होती है. गीता में श्रीकृष्ण ने बताया है कि किसी को धोखा देना क्यों एक कर्ज की तरह है.


श्रीकृष्ण के उपदेश



  • गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि किसी को धोखा देना एक कर्ज है, जो आपको किसी और के हाथों एक ना एक दिन जरूर मिलेगा.

  • गीता के लिखा है कि, समय का चक्र बहुत तेज चलता है. इसलिए ना तो अपने बल का अहंकार करें और ना ही अपने धन का!

  • जीवन का हर दांव जीतना है तो बल से ज्यादा बुद्धि का उपयोग करें. क्योंकि बल लड़ना सिखाता है और बुद्धि जीतना.
     श्रीमद्भागवत गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि यदि किसी काम को करने में डर लगे तो याद रखना यह संकेत है कि आपका काम वाकई में बहादुरी से भरा हुआ है.

  • गीता के अनुसार नेत्र केवल हमें दृष्टि प्रदान करते है परंतु हम कब किसमें क्या देखते है ये हमारी भावनाओं पर निर्भर करता है!

  • श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को स्वयं को ईश्वर में लीन कर देना चाहिए. ईश्वर के सिवाय मनुष्य का कोई नहीं होता है. इसके साथ ही यह मान कर कर्म करना चाहिए कि वह भी किसी का नहीं है.

  • भोग से मिलने वाला सुख क्षणिक होता है जबकि त्याग में स्थायी आनंद मिलता है. श्रीकृष्ण कहते हैं कि सत्संग ईश्वर की कृपा से मिलता है परंतु कुसंगति में भी मनुष्य अपने कर्मों से पड़ता है.

  • गीता के अनुसार, जीत और हार आपकी सोच पर निर्भर करती हैं, मान लो तो हार होगी और ठान लो तो जीत होगी.


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