Geeta Ka Gyan: श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों का वर्णन है. गीता के ये उपदेश श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को दिए थे. गीता में दिए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और मनुष्य को जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं. गीता की बातों को जीवन में अपनाने से व्यक्ति को खूब तरक्की मिलती है. श्रीमद्भागवत गीता में चार चीजों को जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है.आइए जानते हैं क्या वो चीजें जिसे श्रीकृष्ण ने हर किसी के लिए जरूरी बताया है.
जीवन में जरूरी हैं ये चार चीजें
- श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार हमें व्यक्ति को हमेशा अपने स्वभाव के अनुसार अपना कार्य और आजीविका चुननी चाहिए. हमेशा उसी काम का चुनाव करें जिसमें आपको खुशी मिलती हो. व्यक्ति को हमेशा अपनी प्रकृति और क्षमता के अनुसार ही काम करना चाहिए.
- गीता के अनुसार कर्म करते समय व्यक्ति को ना तो पिछली बातें सोचनी चाहिए और ना ही आने वाले समय की चिंता करनी चाहिए. श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार जो काम आपके हाथ में इस समय है, वही श्रेष्ठ है. यानी वर्तमान कर्म से अच्छा कुछ और नहीं है इसलिए इसे अपनी पूरी क्षमता के साथ करना चाहिए.
- गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं कि हे अर्जुन तुम मेरा चिंतन मत करो और सिर्फ अपना कर्म करते रहो. कर्म को छोड़कर सिर्फ भगवान का नाम जपना व्यवहारिक नहीं है. कर्म के बिना जीवन का अस्तित्व नहीं है. कर्म से ही मनुष्य को सिद्धि प्राप्त हो सकती है.
- गीता में कहा गया है कि शिक्षा और ज्ञान उसी व्यक्ति को मिलता है, जिसमें जिज्ञासा हो. सम्मान से सवाल पूछने से व्यक्ति को ज्ञान मिलता है. व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति तभी होती है जब वह अपनी जिज्ञासा जाहिर करता है. शास्त्रों में लिखी बातें, गुरु की सीख और अनुभव के सही तालमेल से ज्ञान मिलता है.
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