Gemology: आपने भी पहना है रत्न, तो ऐसे पहचाने फायदा हो रहा है या नुकसान
Gemology: ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए रत्न पहनने की सलाह दी जाती है. रत्न हमारे जीवन पर अच्छा और बुरा दोनों असर डालते हैं, यही वजह है कि रत्न धारण करने से पहले ये महत्वपूर्ण बातें जान लें.
Ratna Shastra, Gemeology: ज्योतिष शास्त्र में 84 रत्न का वर्णन है लेकिन 9 मुख्य रत्न बताए गए हैं जिनका नवग्रहों से खास संबंध है. रत्न रंगों और तरंगों के जरिए हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं. रत्नों को हमेशा शरीर के उजागर अंगों अर्थात जहां प्राकृतिक प्रकाश का संपर्क सबसे ज्यादा हो वहां रत्न पहना जाता है, इसलिए इसे हाथ में पहनना अधिक प्रभावशाली माना गया है.
आज की पीढ़ी रत्न पहनने से परहेज करती है. रत्न न सिर्फ धार्मिक बल्कि साईंटिफिक तौर पर भी कारगर बताया गया है. आइए जानते हैं रत्न कैसे हमारे शरीर पर असर डालते हैं.
रत्न क्यों है महत्वपूर्ण (Benefit of Gemstone)
मानव शरीर के पांचों तत्वों से मिलकर बना है. कहते हैं जिस तरह संतुलिक आहार शरीर को पूरी स्वस्थ रखने में मदद करता है उसी तरह शरीर के प्राकृतिक तत्वों को संतुलित रखने में रत्न अहम भूमिका निभाते हैं. शरीर के सात चक्रों को जागृत रखते हैं. रत्न नकारात्मक उर्जा को दूर करने और सकारात्मक उर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं. सही रत्न पूरी विधि विधान से ग्रहण किया जाए तो ये ग्रहों के दुष्प्रभाव से व्यक्ति की रक्षा करता है.
रत्न फायदे के साथ नुकसानदायक भी है
जिस तरह बीमारी में गलत दवा लेने पर उसके साइड इफेक्ट होते हैं उसी तरह गलत रत्न या फिर उसे गलत तरीके से धारण करने पर फायदे की जगह नुकसान होने लगता है. रत्न से जुड़ी एक गलती आपके लिए मुसीबत बन सकती है, इसलिए बिना ज्योतिष की सलाह के रत्न धारण न करें.
किस रत्न का कौन से ग्रह से है संबंध (9 Ratna connection 9 Planet)
सूर्य का रत्न (माणिक्य) - माणिक्य सूर्य का रत्न कहलाता है. सूर्य की अशुभता दूर करने के लिए इसे धारण किया जाता है. माणिक्य नुकसान करे तो सिरदर्द और हड्डियों में दर्द होने लगता है.
चंद्रमा का रत्न (मोती) - चंद्रमा मन का कारक है, मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए मोती धारण किया जाता है. जिन लोगों ने मोती धारण किया है अगर उनकी मानसिक स्थितियां बिगड़ने लगे तो इसका मतलब है मोती आपको नहीं फल रहा है.
मंगल का रत्न (मूंगा) - ज्योतिष में बताया गया है कि जीवन पर मांगलिक दोष का अशुभ प्रभाव से राहत पाने, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए मूंगा धारण करने की सलाह दी जाती है. मूंगा नुकसान करे तो दुर्घटना और रक्त की समस्या होने लगती है.
बुध का रत्न (पन्ना) - बुद्धि में वृद्धि करता है पन्ना. वाणी में निखार आने लगता है. स्वास्थ अच्छा रहता है लेकिन अगर त्वचा संबंधी परेशानी हो, संतान पक्ष अचानक विरोध में हो जाए तो पन्ना उतार देना चाहिए, अगर ये नुकसान करे तो बुद्धि भ्रष्ट भी होने लगती है
बृहस्पति का रत्न (पीला पुखराज) - पीला पुखराज आध्यात्म, आर्थिक सुख, और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि करता है,किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह नीच के है तो भी उसे पुखराज धारण नहीं करना चाहिए. इससे पेट, धन हानि हो सकती है.
शुक्र का रत्न (हीरा) - हीरा जिसे फल जाए वह संपन्न, सौंदर्य और भौतिक सुख से परिपूर्ण रहता है लेकिन अगर ये नुकसान करे तो जीवन बर्बादी की राह पर उतर आता है. इसके अशुभ परिणाम से जातक घमंडी हो जाता है, कर्ज में डूब जाता है.
शनि का रत्न (नीलम) - नीलम बहुत शक्तिशाली रत्न माना गया है, इसे पहनने से शनि की शुभता मिलती है. व्यक्ति मेहनत के बल पर हर कार्य पूरा करने में सक्षम होता है लेकिन नीलम नुकसान करे तो जीवन में उथल-पुथल मच जाता है
राहु का रत्न (गोमेद) - राहु की पीड़ा को कुछ हद तक शांत करने के लिए गोमेद रत्न को धारण किया जाता है. कोई भी रत्न बिना जानकार की सलाह के न पहनें. गोमेद जब नुकसान करे तो दुर्घटना, प्रतिष्ठा पर धब्बा, गंभीर बीमारी जैसे समस्याएं आती है.
केतु का रत्न (लहसुनिया) - यह केतु का रत्न है. अगर कुंडली में केतु अनुकूल हो तभी इसको जानकार की सलाह पर धारण करें. नहीं तो चर्म रोग या स्नायु तंत्र की समस्या हो सकती है.
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