Gemology: रत्न शास्त्र के अनुसार रत्नों में ग्रहों की अशुभता दूर करने की ताकत होती है. कुंडली में कोई ग्रह (Planet) कमजोर हो तो भी रत्न पहनने की सलाह दी जाती है ताकि उसकी मदद से वो ग्रह के शुभ प्रभाव मिल सके.


रत्न धारण (Gemstone benefit) करने के लिए सही दिन, समय और विधि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. आमतौर पर देखने में आता है कि लोग एक साथ कई रत्न पहनते हैं लेकिन कुछ ऐसे रत्न हैं जिन्हें एक साथ धारण नहीं करना चाहिए, इससे अशुभ परिणाम मिलता है. जानें कौन सा रत्न किस रत्न के साथ धारण नहीं करना चाहिए.


कौन-कौन से रत्न एक साथ नहीं पहनें (Gemstone Wearing Rules)



  • माणिक्य (Manik) के साथ हीरा, नीलम, गोमेद, लहसुनिया न पहनें.

  • पुखराज (Pukhraj) के साथ हीरा, पन्ना, नीलम, गोमेद धारण न करें

  • लहसुनिया (Lehsuniya) के साथ माणिक्य, मोती, पुखराज, मूंगा न पहनें.

  • नीलम (Neelam) के साथ माणिक्य, मूंगा, मोती, पुखराज वर्जित है.

  • मोती (Moti) के साथ हीरा, पन्ना, नीलम, गोमेद, लहसुनिया वर्जित है.

  • मूंगा (Munga)के साथ पन्ना, हीरा, गोमेद, नीलम,लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए

  • पन्ना (Panna) के साथ पुखराज, मूंगा, मोती वर्जित है.

  • हीरे (Diamond) के साथ माणिक्य, मोती, मूंगा, पुखराज पहनना अशुभ होता है.

  • गोमेद (Gomed) के साथ माणिक्य, पुखराज, मूंगा, मोती नहीं पहनना चाहिए.


रत्न पहनने के नियम (Gemstone Wearing Rules)



  • रत्न ज्योतिष के अनुसार रत्न सुबह के समय धारण करना चाहिए, रात या शाम को नहीं.

  • अमावस्या, ग्रहण वाले दिन नया रत्न धारण नहीं करना चाहिए.

  • उत्तरायण में रत्न पहनने से कई लाभ मिलते हैं, इसके लिए किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष का चयन करें.


रत्न धारण करने का महत्व (Gemstone Significance)


ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, किसी रत्न को पहनने का मतलब है उस रत्न से जुड़े ग्रह को एनर्जी देना. माना जाता है कि रत्न पहनने से ग्रह-नक्षत्र का दोष और नेगेटिव एनर्जी कम होती है. शादी, व्यापार में वृद्धि, नौकरी, प्रमोशन, सुखी वैवाहिक जीवन के लिए लोग रत्न पहनते हैं.


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