Gochar 2021: हर महीने कोई न कोई ग्रह अपनी राशि में परिवर्तन करता है. इसके अलावा ग्रह मार्गी से वक्री और वक्री से मार्गी चाल भी चलते हैं. नवंबर में इस बार तीन ग्रहों सूर्य, बुध और बृहस्पति की राशि बदलेगी. इनमें बुध दो बार राशि बदलेंगे, यह पहले सप्ताह में तुला राशि में आएंगे फिर 21 नवंबर वृश्चिक में जाएंगे. दो नवंबर को बुध राशि बदलकर तुला में प्रवेश कर रहे हैं. इस राशि में वह 21 तक रहेंगे और फिर वृश्चिक राशि में जाएंगे. सूर्य का राशि परिवर्तन 16 नवंबर को वृश्चिक में होगा. सूर्यदेव अभी अपनी नीच राशि तुला में हैं. 20 को सभी ग्रहों के गुरु ग्रह कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. नवंबर तीन प्रमुख ग्रहों के राशि परिवर्तन से कुछ राशि के जातकों को शुभ फल देगा.


नवंबर में तीन एकादशी
नवंबर में तीन एकादशी तिथियां हैं, वैदिक ज्योतिष में एकादशी तिथि को अहम माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से शुभ फल मिलता है. बहुत कम होता है जब एक माह में तीन एकादशी तिथियां हों. मगर इस माह 1, 15वीं और 30 तारीख को एकादशी तिथि है. धार्मिक रूप से यह घटना बहुत शुभ माना जा रहा है. विष्णु कृपा के लिए भक्तों को एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा करनी चाहिए.

नवंबर में ग्रहों की युति
नवबर की शुरुआत में बुध ग्रह का गोचर तुला राशि में होगा, जहां मंगल, सूर्य पहले से होंगे. बुध के गोचर से तुला राशि में तीन ग्रहों की युति होगी. इसका कारोबारियों को लाभ मिलेगा. विशेष रूप से ऐसे लोगों को जो सत्ता या सरकार से जुड़कर काम करते हैं. यह युति 16 नवंबर तक रहेगी. इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 21 नवंबर को बुध भी गोचर करेंगे. केतु पहले से वृश्चिक में विराजमान हैं. ऐसे में 21 नवंबर को फिर तीन ग्रहों की युति वृश्चिक में होगी. सूर्य-बुध-केतु की यह युति मिलाजुला फल देने वाला होगा. इस युति के चलते सूर्य ग्रहण बनेगा, जिसके कारण सरकारी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को परेशानी होगी. ऐसे समय में मिथुन, सिंह, कन्या राशि वाले लोगों को विशेष सावधानी रखनी होगी.

बुध का तुला, वृश्चिक राशि में गोचर
बुध ग्रह 2 नवंबर सुबह 10:04 बजे स्वराशि कन्या से तुला में प्रवेश कर चुके हैं. इस राशि में वह 21 नवंबर तक रहेंगे फिर वृश्चिक में जाएंगे, जहां बुध देव और सूर्य ग्रह मिलकर बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे. नवंबर माह में तुला और वृश्चिक राशि वालों के ऊपर बुध ग्रह का प्रभाव देखन को मिल सकता है.

सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर
सूर्य ग्रह सृष्टि की आत्मा माना जाता है. यह पिता, राजा, नेतृत्व, उच्च पद, मान-सम्मान आदि का कारक है। सूर्य ग्रह 16 नवंबर दोपहर 01:28 बजे तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 16 दिसंबर 2021 तक रहेंगे. तुला राशि में आने से सूर्य कमजोर होते हैं. वृश्चिक राशि में जातकों को अच्छे परिणाम मिलेंगे. वैवाहिक जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा.

बृहस्पति कुंभ राशि करेंगे गोचर
ज्योतिष शास्त्र में गुरु को शुभ ग्रह माना जाता है. यह धनु और मीन राशि का स्वामी हैं, इसे वृद्धि, ज्ञान, गुरु, धन, विवाह सहित सत्कर्म का कारक माना जाता है। बृहस्पति 21 नवंबर रविवार रात्रि 02:05 बजे मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और इस राशि में 13 अप्रैल 2022 तक रहेंगे। कुंभ राशि के जातकों को अच्छे परिणाम मिलेंगे.

गोचर होने का प्रभाव
ग्रहों की जो स्थिति बनने जा रही है वह बड़े परिवर्तनों का इशारा कर रही है. व्यापार में तेजी आएगी, देश में कई जगह प्राकृतिक घटनाएं होगी, भूकंप आने की संभावना है. तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं. यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है. शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे. दुर्घटना और भूकंप से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा.

उपाय
हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप कर रोजाना सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों का दीपक जलाएं। हनुमान चालीसा और संकट मोचन पाठ करें. लाल मसूर दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं. हनुमान जी को पान भोग और दो बूंदी के लड्डू लगाएं. ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट करती है. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए. माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए.


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