आयुर्वेद और ज्योतिष का गहरा नाता है. हमारा प्रत्येक कर्म ग्रहों को प्रभावित करता है. खानपान से भी नवग्रहों की शुभता बढ़ाई जा सकती है. सर्दी के मौसम में सभी प्रकार के फल-सब्जियों की प्रचुरता रहती है. इनका सेवन हम अपने ग्रहों के शुभाशुभ और राशि के आधार पर कर सकते हैं.


सूर्य की प्रबलता बढ़ाने के लिए लाल और बैंगनी फल सब्जियों का सेवन करना श्रेयष्कर है. सेब, चुकंदर, गाजर, लालभाजी और बैंगन इत्यादि का सेवन करें. चंद्रमा सौम्यता और जल के कारक है। सहज मीठे और रसीले फलों का स्वाद देह और मन की तृप्ति के साथ चंद्रमा की शुभता बढ़ाते हैं. फल सब्जियों के विभिन्न प्रकार के शर्बत, सूप और जूस बनाकर लें.


मंगल भूमि, बल और लाल कत्थई रंग के कारक हैं. जमीन के अंदर पाए जाने फल-सब्जियों को सेवन कर ग्रहों के सेनापति को और बलवान किया जा सकता है. जिमीकंद, शकरकंद, लालमिर्च आदि का सेवन व दान करें. बुध ग्रह विवेक, बुद्धि, हरी वस्तुओं और युवापन के प्रतिनिधि हैं. बुध की शुभता के साथ अधिकाधिक युवा दिखने के लिए हरी सब्जियों की मात्रा खाने में बढ़ाएं. सर्दियों में इनकी बहुतायत रहती है.


गुरु पीले पदार्थाें से प्रसन्न होते हैं। कुम्हड़ा कद्दू पपीता आदि बीज वाले फल-सब्जियों के साथ केला, खट्ठे-मीठे पीले फल का सेवन गुरु गुरुता में प्रभावी है. गर्मियों में फलों का राजा आम खाएं. शुक्र मीठे और खट्ठे रस से जुड़ाव रखते हैं। संतरा नींबू आंवला और खटाई आदि का सेवन शुक्र को बल देने वाले हैं. शुक्र को बढ़ाने के लिए पनीर की विभिन्न सब्जियों को खाना उत्तम है.


शनि की शुभता के लिए तिलहन के साथ साथ सभी हरी सब्जियां फल श्रेष्ठ हैं. सरसों का साग, तिल, उड़द दाल का सेवन करें. फलों में कीवी, कच्चा केला, आदि का उपयोग बढ़ा सकते हैं. दान भी कर सकते हैं.


राहू-केतु के लिए रसायनों का महत्व है. इन छद्म ग्रहों के प्रभाव को बढ़ाना नहीं चाहिए बल्कि इनके शमन का प्रयास करना चाहिए. भोजन में विभिन्न के हारिकारक रसायनों सॉस इत्यादि से बचाव रखें.