Govardhan Puja 2021 Date: हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा को विशेष महत्व प्रदान किया गया है. गोवर्धन पूजा में पशु धन की पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन गाय और बछड़ों की विशेष पूजा की जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार गोवर्धन की पूजा भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हुई है. माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था, जिससे सभी गोकुलवासियों की रक्षा हुई और इंद्रदेव का घमंड भी टूट गया. तभी से इस पर्व को मनाने की परंपरा चली आ रही है. 


गोवर्धन पूजा कब है?
गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन की जाती है. इस दिन मथुरा में गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा भी की जाती है. घरों में गोबर से गोवर्धन पर्वत बना कर उसका पूजन करने की भी परंपरा है. गोवर्धन पर अन्न और नई फसल का भी पूजन किया जाता है. इसी कारण इसे अन्नकूट भी कहा जाता है. 


गोवर्धन पूजा मुहूर्त
गोवर्धन की पूजा प्रात:काल में की जाती है. इस दिन प्रातः काल स्नान करने के बाद पूजा प्रारंभ करनी चाहिए.  इस दिन पूजा से पूर्व गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का निर्माण कर पूजा करनी चाहिए. गोवर्धन पर्वत पर अन्न,खील, लावा, मिष्ठान आदि का भोग लगाना चाहिए. पंचांग के अनुसार 05 नवंबर 2021,  शुक्रवार को प्रतिपदा तिथि को प्रात: 02 बजकर 44 मिनट शुरू होगी और रात्रि में 11 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी. गोवर्धन की पूजा 5 नवंबर, को ही मनाया जाएगा. 


गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त - प्रात: 06 बजकर 36 मिनट से प्रात: 08 बजकर 47 मिनट तक.
अवधि - 02 घण्टे 11 मिनट्स
द्यूत क्रीड़ा शुक्रवार, नवम्बर 5, 2021 को
गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त - दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से शाम 05 बजकर 33 मिनट तक.


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