Eclipse 2024: विज्ञान में ग्रहण को खगोलीय घटना माना जाता है. चंद्र और सूर्य दोनों घटनाएं चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य की स्थिति के कारण बनती हैं. धर्म और ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है. साल 2024 में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लगेंगे. 


इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को लगेगा. वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को लगेगा. जबकि साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा और दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगेगा. ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण के समय पृथ्वी पर राहु का प्रकोप बढ़ जाता है. 


ग्रहण के दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है. इसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कुछ चीजों का इस्तेमाल करना बहुत उपयोगी माना जाता है. आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में.



ग्रहण में करें तुलसी का इस्तेमाल (Tulsi Uses In Eclipse)


हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है. ग्रहण के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए खाने में तुलसी के पत्ते डालना चाहिए. माना जाता है कि इससे भोजन अपवित्र नहीं होता है और ग्रहण के बाद इन्हें खाया जा सकता है. खाने में तुलसी के पत्ते डालने से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है. 


ग्रहण में दूर्वा घास (Durva Grass In Eclipse)


ग्रहण के दौरान दूर्वा घास का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और शुभ कार्यों में दूर्वा का इस्तेमाल किया जाता है. दूर्वा घास ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचाता है. दूर्वा को भी ग्रहण लगने से पहले खाने और पानी वाले सामान में रख दिया जाता है. दूर्वा घास सूर्य से निकलने वाली हानिकारक और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है. 


तिल का करें इस्तेमाल (Sesame Seeds In Eclipse)


ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण के समय कई अशुभ और बुरी शक्तियां जाग जाती है. इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए ग्रहण के समय लोग दान-पुण्य भी करते हैं. तिल भी ग्रहण के दुष्प्रभाव को कम करता है. ग्रहण लगने से पहले तिल खरीद कर रख लें. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें फिर पूजा के बाद इस तिल को किसी जरूरतमंद को दान कर दें. ग्रहण के बाद तिल का दान शुभ माना जाता है. इससे राहु-केतु शांत रहते हैं. 


ग्रहण में गंगाजल (Ganga Jal Use In Eclipse)


सनातन धर्म में गंगाजल को बहुत पवित्र और पुण्यदायी माना जाता है. इसलिए ग्रहण के दौरान गंगाजल का प्रयोग बहुत ही शुभ होता है. ग्रहण के बाद गंगाजल डालकर स्नान करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव कम होते हैं और नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है. ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर से गंगाजल को शुद्ध करना चाहिए.


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