Grahan Yog 2024: 14 मार्च को सूर्य का गोचर हो रहा है. सूर्य का गोचर हर महीने होता है, एक निश्चित अवधि के बाद यानि 30 दिन के बाद सूर्य अपना राशि परिर्वतन करते हैं.  सूर्य कुंभ राशि से मीन राशि में गोचर करेंगे. मीन राशि में पहले से ही राहु विराजमान है. इसीलिए मीन राशि में राहु और सूर्य की युति से ग्रहण योग का निर्माण हो रहा है.


सूर्य और राहु की युति से कौन सा योग बनता है?
ग्रहों के राजकुमार सूर्य मीन राशि में 13 अप्रैल तक रहेंगे, राहु 2024 में मीन राशि में ही विराजमान रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जब सूर्य और राहु किसी राशि में एक साथ आते हैं, तो ग्रहण योग बनता है. इसीलिए 14 मार्च से 25 मार्च तक ग्रहण योग का निर्माण हो रहा है. यह योग बहुत अशुभ माना जाता है. ज्योतिष में सूर्य को राजा का दर्जा हासिल है, वहीं राहु को पापी और छाया ग्रह माना जाता है. सूर्य-राहु की युति से कई राशियों पर इसका बुरा असर देखने को मिल सकता है, साथ ही देश-दुनिया पर इसका असर नजर पड़ सकता है.


राहु और सूर्य के दुश्मन क्यों हैं?
राहु और सूर्य को एक दूसरे का शत्रु ग्रह माना जाता है. राहु को छायाग्रह माना गया है. अगर किसी राशि में राहु और सूर्य एक साथ आकर बैठ जाते हैं तो राहु का प्रभाव सूर्य पर पड़ता है. इससे लोगों का जीवन प्रभावित हो सकता है. राहु और केतु सूर्य (सूर्य) और चंद्र (चंद्रमा) के कट्टर दुश्मन हैं. इसीलिए सूर्य-राहु की युति को नकारात्मक माना जाता है. 


राहु और सूर्य युति का प्रभाव  (Effect of Rahu-Surya Yuti)



  • राहु और सूर्य की युति से मन अस्थिर रहता है.

  • मन चंचल रहता है

  • आप अपनी लाइफ को सही से बैलेंस नहीं कर पातें.

  • आत्महत्या जैसी समस्याएं आ सकती है.


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