Guru Chandal Yog Effect: ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के ऐसे योग के बारे में बताया गया है जो शुभ और अशुभ फल देते हैं. इन्हीं में से एक योग होता है, गुरु चांडाल योग. कुंडली में राहु और गुरु एक साथ आने से यह योग बनता है. गुरु बुद्धि, ज्ञान और धर्म के कारक होते हैं. अगर किसी की कुंडली में गुरु नीच हो जाए तो व्यक्ति इन सब से विपरीत कर्म करने लगता है. वहीं राहु की वजह से व्यक्ति को अनैतिक और गैर कानूनी कार्य करने का बल मिलता है.


कब बन रहा है गुरु चांडाल योग


गुरु चांडाल योग बनने पर है तो राहु और गुरु के नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगते हैं. गुरु चांडाल योग जातक को अक्सर बुरे परिणाम ही देता है. 22 अप्रैल को मेष राशि में गुरु और राहु ग्रह की युति से गुरु चांडाल योग का निर्माण हो रहा है. मेष राशि में राहु और बुध पहले से मौजूद हैं और 22 को गुरु यहां आकर राहु के साथ गुरु चांडाल योग बनाएंगे. यह अशुभ योग करीब 7 महीने तक रहेगा. 



गुरु चांडाल योग का प्रभाव


गुरु चांडाल योग का प्रभाव मानसिक तौर पर ज्यादा पड़ता है. इसकी वजह से व्यक्ति का जीवन अस्थिर हो जाता है. फैसलों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहती है. गुरु चांडाल योग से गुजर रहे जातकों के चरित्र में दोष आ जाता है. जिन लोगों की कुंडली में ये योग बनता है उन्हें बहुत शारीरिक कष्ट भी उठाना पड़ता है. इसके प्रभाव से लोग गलत संगत में भी आ जाते हैं और अनुचित तरीके से धन अर्जित करने का प्रयास करते हैं. गुरु चांडाल योग वाले लोग नास्तिक भी बन जाते हैं. इसकी वजह से वैवाहिक जीवन में कलह बढ़ जाते हैं.


गुरु चांडाल योग के उपाय 


कुंडली में गुरु चांडाल योग हो तो हल्दी और केसर का तिलक माथे पर लगाकर ही घर से निकलना चाहिए. इससे गुरु प्रबल होते हैं. अपने से बड़ों का हमेशा सम्मान करें और उनके फैसलों को बहुत ध्यान से सुनें. खुद के लिए फैसलों पर भी विश्वास रखें. कुंडली में गुरु चांडाल योग हो तो नियमित रूप से भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा-अर्चना करें. किसी ज्योतिषी की सलाह से गले में पीला पुखराज धारण करें. इससे गुरु चांडाल योग का बुरा प्रभाव कम होता है.


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