Guru Chandal Yoga: जीवन में मेहनत करने के बाद भी जब फल ना मिले, आपकी मेहनत रंग ना लाएं, जब भाग्य आपका साथ ना दें, तो समझ लें कि आपके ग्रहों की दशा ठीव नहीं चल रही है. हमारी कुंडली में गुरु चांडल योग हमारे बनते हुए कामों को बिगाड़ देता है.
जब राहु और गुरु एक साथ आ जाते हैं तो गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है. गुरु बुद्धि, ज्ञान, धर्म के स्वामी होते हैं. अगर कुंडली में गुरु नीच हो जाए तो व्यक्ति इन सब से विपरीत कर्म करने लगता है. वहीं राहु व्यक्ति से सारे अनैतिक कार्य कराता है. इन दोनों की युति गुरु चांडल योग का निर्माण करती है.
गुरु चंडाल योग में अगर राहु बलवान है तो राहु आप से सभी गलत काम करवाता है. जुआ, शराब जैसे काम करवाता है. आपके जीवन सुख-शांति का अभाव हो जाता है. लेकिन गुरू चांडल योग के समय पूजा-पाठ करके या उपाय करके इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं.
गुरु चांडल योग में किसकी पूजा करनी चाहिए?
गुरु चांडल योग में भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि गुरू चांडल योग से बचाव के लिए गले में पीला पुखराज धारण करने से बहुत बचाव होता है. जिन जातकों पर ये योग चल रहा हो उन्हें बरगद के पेड़ की पूजा करनी चाहिए, साथ ही बरगड़ के पेड़ की जड़ पर कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए. ऐसे समय में आपको राहु को खुश रखना चाहिए और राहु की शांति के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए.
राहु शांति के लिए राहु बीज मंत्र का जाप
|| ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः ||
|| ॐ राहवे देवाय शांतिम, राहवे कृपाए करोति
राहवे क्षमाए अभिलाषत्, ॐ राहवे नमो: नम: ||
|| ॐ नागध्वजाय विद्महे पद्महस्ताय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात् ||
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