Guru Chandal Yog Effects: ज्योतिष शास्त्र में ग्रह-नक्षत्रों के स्थान परिवर्तन से कई शुभ-अशुभ योग बनते हैं. इसका प्रभाव हर व्यक्ति की कुंडली पर पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. गुरु शुभ हो तो हर कार्य में सफलता मिलती है लेकिन गुरु के अशुभ योग बनने पर भारी नुकसान उठाना पड़ता है. जब गुरु, राहु-केतु के साथ युति करते हैं तो इससे अशुभ योग बनता है. जिसे गुरु चाडांल योग कहा जाता है. यह योग आज मेष राशि में बन रहा है.


गुरू चंडाल योग का विनाशकारी प्रभाव


ज्योतिष शास्त्र में गुरू चंडाल योग को एक बेहद विनाशकारी योग माना जाता है. कुंडली में इसका निर्माण होने से जातकों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह अशुभ लोगों को नकारात्मक परिणाम देता है. इसके योग से व्यक्ति को कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है और लाख मेहनत के बावजूद भी सफलता प्राप्त नहीं होती है. इस योग के प्रभाव से व्यक्ति के मान-सम्मान में गिरावट आती है.



इस अशुभ योग से जातक को व्यापार और नौकरी में भारी नुकसान उठाना पड़ता है. यह योग जिस राशि में बन रहा है उस राशि के लोगों को विशेष सावधान रहने की जरूरत होती है. गुरु चांडाल का अशुभ योग मेष राशि वालों की परेशानी बढ़ाने वाला है. इस राशि के लोगों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो सकती है. आपको कोई भी निर्णय बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए.


गुरु चांडाल दोष के प्रभाव से बचने के उपाय


गुरु चांडाल दोष से बचने के लिए हर गुरुवार के दिन बृहस्पतिदेव और भगवान श्री हरि विष्णु का पूजन करना चाहिए. बृहस्पतिवार के दिन विष्णु भगवान को पीली चीजें अर्पित करने से गुरु का अशुभ प्रभाव कम होने लगता है. गुरुवार के दिन विष्णु भगवान को गुड़ और चने की दाल का भोग लगाना चाहिए. हर दिन गायंत्री मंत्र या ऊं गुरुवे नमः मंत्र का जाप करने से भी गुरु चांडाल योग के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है.


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