Guru in Kundali: इन वजहों से गुरु कुंडली में बनते हैं आर्थिक मुश्किलों के जनक, जानें कमजोर गुरु के संकेत
Guru in Kundali: ज्योतिष के अनुसार कुंडली में गुरु के कमजोर होने पर आर्थिक दिक्कतों के साथ कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. आइये जानें कुंडली में इनके कमजोर होने के क्या संकेत होते हैं?
Guru in Kundali: ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को एक शुभ ग्रह माना गया है. ये अक्सर शुभ फल ही प्रदान करते हैं. लेकिन जब गुरु कुंडली में अशुभ स्थान पर होते हैं तो वे लोगों को अशुभ फल प्रदान करते हैं. इनकी अशुभता से लोगों का आर्थिक जीवन बहुत अधिक प्रभावित होता है. इन्हें कई तरह की धन से जुड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. मान्यता है कि कुंडली में कमजोर गुरु आर्थिक समस्यायों के जनक होते हैं.
इन परिस्थितियों में गुरु के कारण आती है आर्थिक परेशानियां
ज्योतिष के मुताबिक, कुंडली में कुल 12 भाव होते हैं. यदि कुंडली के छठे भाव में गुरु मौजूद हों तो यह व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करवाते हैं. कुंडली के 6वें भाव में होने से इनकम कम होती है और खर्चे बढ़ते हैं. जिसके कारण लोग कर्ज में फंस जाते हैं. इसके अलावा यदि कमजोर गुरु कुंडली के आठवें भाव में विराजमान हों तो भी व्यक्ति के जीवन में धन की कमी बनी रहती है. उसे आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोग अक्सर गरीब और डरकोप स्वभाव के होते हैं.
कुंडली में गुरु के कमजोर होने से क्या होता है?
ज्योतिष में गुरु को ज्ञान का कारक ग्रह माना गया है. इन्हें देव गुरु भी कहा जाता है. कुंडली में गुरु किस अवस्था में हैं? अर्थात मजबूत अवस्था में हैं या कमजोर. यदि ये लक्षण दिखाई देने लगें तो समझ लेना चाहिए कि गुरु कमजोर हैं.
कुंडली में गुरु के कमजोर होने के यह हैं संकेत
पेट संबंधी रोग: गुरु अशुभ होने से व्यक्ति को पेट के रोग प्रदान करते हैं. व्यक्ति को जब कोई पेट संबंधी दिक्कत हो तो समझ लेना चाहिए कि गुरु ठीक नहीं हैं. इसलिए गुरु का तुरंत उपाय करना चाहिए. देरी करने पर ये पेट के गंभीर रोग भी दे सकते हैं.
मान सम्मान में कमी: गुरु को पद प्रतिष्ठा से भी जोड़कर देखा जाता है. गुरु जब शुभ होते हैं तो व्यक्ति को पुरस्कार, मान-सम्मान दिलाते हैं लेकिन जब इसमें कमी महसूस होने लगे तो समझ लेना चाहिए गुरु अशुभ फल दे रहे हैं.
उच्च पद प्राप्त करने में बाधा: जब उच्च पद प्राप्त करने में बाधा आने लगे तो समझ जाना चाहिए कि गुरु शुभ नहीं है. इस तरह की दिक्कत आने पर गुरु का उपाय करना चाहिए.
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