Jupiter 2021: 18 अक्टूबर को गुरु मार्गी हो रहे हैं. शिक्षा, जॉब और बिजनेस में आने वाली बाधाएं होंगी दूर, जानें गुरु को मजबूत बनाने के उपाय
October 2021: ज्ञान और उच्च पद के कारक गुरु मार्गी होने जा रहे हैं. अभी गुरु वक्री हैं. गुरु मार्गी होने से गुरु की शुभता में वृद्धि होगी. गुरु को कैसे मजबूत बनाया जा सकता है जानते हैं गुरु के उपाय.
October 2021: 18 अक्टूबर 2021 का दिन विशेष है. इसी दिन गुरु यानि देव गुरु बृहस्पति अपनी चाल को बदलने जा रहे है. वर्तमान समय में गुरु मकर राशि में शनि देव के साथ गोचर कर रहे हैं. गुरु के मार्गी होने का प्रभाव पड़ने जा रहा है, आइए जानते हैं.
गुरु का स्वभाव
ज्योतिष शास्त्र में गुरु को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. गुरु की गिनती विशाल ग्रहों में की जाती है. गुरु का संबंध ज्ञान, उच्च शिक्षा, उच्च पद, विवाह, संतान, दान और धर्म से भी है. गुरु ग्रह से प्रभावित व्यक्ति गंभीर और विद्वान होता है. ऐसे लोगों को सम्मान प्राप्त होता है. ऐसे लोग दूसरों को भी ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गुरू को धनु और मीन राशि का स्वामी बताया गया है.
कर्क राशि वालों गुरु देते हैं शुभ फल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु को कर्क राशि में उच्च् का माना गया है. यानि जब गुरु कर्क राशि में होते हैं तो ये उच्च के होते हैं. इस स्थिति में गुरु शुभ फल प्रदान करने वाले माने गए हैं. इसके साथ ही मकर राशि में गुरु को नीच का माना गया है. यानि मकर राशि, गुरु की नीच राशि है. वर्तमान समय में गुरु मकर राशि में ही गोचर कर रहे हैं और वक्री भी है. 18 अक्टूबर 2021 को गुरु मकर राशि में ही वक्री से मार्गी होंगे.
गुरु इन तीन नक्षत्रों के स्वामी हैं
गुरु को पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी माना गया है. इन नक्षत्रों में होने पर गुरु शक्तिशाली होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं.
गुरु मार्गी होने पर क्या फल देते हैं?
गुरु 120 दिन बाद वक्री से मार्गी हो रहे हैं. गुरु के मार्गी होने से गुरु की शुभता बढ़ जाएगी. गुरु की शुभता बढ़ने से शिक्षा, जॉब और बिजनेस से जुड़े लोगों को लाभ प्रदान कर सकते हैं. इन उपायों को करने से भी गुरु की शुभता में वृद्धि होती है.
गुरु के उपाय
- शिव मंत्रों का जाप करें.
- गुरुवार को व्रत रखने से भी गुरु की शुभता बढ़ती है.
- गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करें और पीली वस्तुओं को अर्पित करें.
- गुरुजनों का सम्मान करें और उन्हें उपहार प्रदान करें.
गुरु को प्रसन्न करने का मंत्र- ॐ बृं बृहस्पते नम:
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