Guru Margi 2022: बृहस्पति ग्रह खराब हो तो आती है प्रमोशन में दिक्कत, बॉस से भी नहीं बनती, जानें क्या है इसका उपाय
Guru Margi 2022: गुरु को उच्च पर और प्रशासनिक कार्यों का कारक माना गया है. कुंडली में यदि अशुभ हों तो प्रमोशन और ऑफिस के कामों में बाधा आती है. गुरु अब मार्गी हो रहे हैं. जानते हैं इसका फल और उपाय.
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Guru Margi 2022, Jupiter Margi 2022: गुरु दो दिन बाद वक्री से मार्गी होने जा रहे हैं. पंचांग के अनुसार 24 नवंबर 2022 को मीन राशि में मार्गी होगें. जब कोई ग्रह मार्गी अवस्था में होता है तो उसके प्रभाव में वृद्धि होती है. ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति अशुभ या कमजोर हैं, वे सावधान हो जाएं. क्यों फुल पावर में आती है गुरु परेशानियां दे सकते हैं.
गुरु अशुभ या कमजोर हैं कैसे लगाएं पता
ज्योतिष शास्त्र में गुरु यानि बृहस्पति ग्रह को बेहद अहम माना गया है. ये अशुभ हो तो जीवन में तरक्की रूक जाती है. धन की कमी बनी रहती है. जॉब और शिक्षा के क्षेत्र में नित नई रूकावट आती रहती हैं. वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों का सहयोग प्राप्त नहीं होता है. इसके साथ ही ये चीजें जीवन में महसूस होने लगें तो समझ लें, बृहस्पति ग्रह कमजोर हैं-
- उच्च शिक्षा में बाधा या रूकावट आती है.
- शिक्षकों का आशीर्वाद नहीं मिलता है.
- वास्तविकता से दूर रह कर सदैव कल्पना में रहना.
- सही और गलत का भेद नहीं कर पाते हैं.
- व्यक्ति स्वार्थी हो जाता है, गलत आचरण करने लगता है.
- ज्ञान का अहंकार होने लगता है
- पेट संबंधी रोग परेशान करते हैं
- धर्म और नियमों को नहीं मानता है.
- विवाह में बाधा आना
- प्रशासनिक सेवा में परिश्रम के अनुसार फल नहीं मिलता है.
- प्रशासनिक कुशलता में कमी आती है.
- प्रमोशन में बाधा आती है.
- आय के स्त्रोत में कमी होने लगती है.
- मान सम्मान में कमी आने लगती है.
- सेवाभाव नहीं रहता है.
- सलाह गलत होने लगती है.
इन राशि वालों को गुरु देते हैं शुभ फल (Jupiter Benefits in Astrology)
कर्क राशि में गुरु हो तो ये बेहद शुभ फल प्रदान करते हैं. इसके साथ ही गुरु यानि बृहस्पति को धनु और मीन राशि का स्वामी बताया गया है. कह सकते हैं जब गुरु इन राशियों में विराजमान होते हैं तो जबरदस्त परिणाम देते हैं.
इस राशि में गुरु हों तो नहीं देते हैं शुभ फल (Jupiter in Capricorn)
गुरु वैसे तो सदैव ही शुभ फल देने वाले ग्रह माने गए हैं. ये विपरीत परिस्थितियों में ही अशुभ फल प्रदान करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि बृहस्पति की नीच राशि मानी गई है. यहां आकर गुरु असहज महसूस करते हैं. जिस कारण गुरु की शुभता में कमी आ जाती है.
मीन राशि में गुरु का गोचर (Jupiter in Meen Rashi)
वर्तमान समय में गुरु यानि बृहस्पति मीन राशि में विचरण कर रहे हैं. इस समय गुरु का मीन राशि में गोचर वक्री अवस्था में हैं. लेकिन पंचांग के अनुसार 24 नवंबर 2022,गुरुवार की सुबह 4 बजकर 36 मिनट पर इसी राशि में मार्गी होगें.
गुरु मार्गी 2022 (Jupiter Retrograde 2022)
पंचांग के अनुसार 24 नवंबर 2022,गुरुवार की सुबह 4 बजकर 36 मिनट पर मीन राशि में मार्गी होगें. इसका प्रभाव देश दुनिया के साथ समस्त राशियों पर पड़ेगा.
मार्गी का अर्थ (Retrograde Jupiter Meaning)
विज्ञान के अनुसार जब किसी ग्रह की अंशात्मक चाल पूर्व दिन की तुलना में घटने लग जाती है तो वह ग्रह हो जाता है, वहीं जब यह अंशात्मक गति हर दिन की भांति पुन: बढ़ने लगती है तो यही ग्रह मार्गी कहलाने लगता है. गणना के अनुसार 120 डिग्री अंश के पीछे रहने पर गुरु वक्री हो जाते हैं. वहीं सूर्य से चार राशि 120 डिग्री अंश से आगे रहने पर गुरु मार्गी हो जाते हैं.
गुरु कितने दिन बाद मार्गी हो रहे हैं?
ज्योतिषीय गणना के अनुसार 120 दिन बाद गुरु मार्गी होते हैं. इसी प्रकार से गुरु अस्त होने के 30 दिन बाद उदय होते हैं. उदय के 128 दिन बाद वक्री होते हैं. इसके बाद मार्गी अवस्था में आते हैं.
गुरु शांति उपाय (Guru Grah Upay)
- कुंडली में गुरु यानि बृहस्पति के अशुभ होने पर हर माह सत्य नारायण व्रत रखना चाहिए.
- बृहस्पति का संबंध भगवान विष्णु से भी है. गुरु की अशुभता को कम करने के लिए एकादशी का व्रत भी श्रेष्ठ फलदायी माना गया है.
- शतचंदी, हरिवंश पुराण और संतान गोपाल मंत्र का जाप और यज्ञ भी लाभ प्रदान करता है.
- बृहस्पति का रत्न पुखराज है, इसे भी उचित परामर्श के बाद धारण किया जा सकता है.
- पीपल की पूजा से भी गुरु की शुभता बढ़ती है.
- बृहस्पति यंत्र धारण करने से धन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है.
- पीले रंग की चीजों का दान करना चाहिए.
- हल्दी की गांठ पीले रंग के धागे से बांध कर दाईं भुजा पर बांधना चाहिए.
- सोना धारण करें.
- गरुड़ पुराण का पाठ करना चाहिए.
- गरीबों की मदद करना चाहिए.
- आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद करनी चाहिए.
- हरे फलदार वृक्ष लगाएं उनकी सेवा करें.
गुरु का मंत्र (Guru Mantra)- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
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