Jupiter Retrograde 2021: सितंबर का महीना ग्रहों की चाल की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. सितंबर में देव गुरु बृहस्पति जो अभी तक मार्गी अवस्था में हैं, वे वर्की अवस्था में आ जाएगें. गुरु का वक्री होना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि वक्री होने पर ग्रहों के प्रभाव में कमी आ जाती है. गुरु को ज्योतिष शास्त्र में अहम ग्रह माना गया है. नवग्रह या सौरमंडल में गुरु को सबसे बड़ा ग्रह माना गया है.
गुरु वक्री 2021 (Guru Vakri 2021)
पंचांग के अनुसार बीते 20 जून 2021 को गुरु कुंभ राशि में वक्री हुए थे. इस दिन गंगा दशहरा यानि ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी. गुरु जब वक्री अवस्था में आते हैं तो जन्म कुंडली में मौजूद अपनी स्थिति के अनुसार शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं.
गुरु मार्गी 2021 (Guru Margi 2021)
कुंंभ राशि में वक्री अवस्था में गोचर कर रहे गुरु अब 14 सितंबर 2021 को मार्गी होने जा रहे हैं. खास बात है कि ये अवधि कुछ समय के लिए ही बन रही है. पंचांग के अनुसार गुरु पूर्ण रूप से 18 अक्टूबर 2021, सोमवार को प्रात: 11 बजे पुन: मार्गी हो जाएंगे. इस दौरान कुछ समय के लिए गुरु मकर राशि में शनि के साथ भी युति बनाएंगे.
गुरु मार्गी फल
गुरु जब मार्गी होंगे तो कुछ राशियों के मान सम्मान में वृद्धि करेंगे. और धन आदि के मामले में भी लाभ की स्थिति प्रदान करेंगे. कर्क, कन्या, धनु और कुंभ राशि वालों को इस दौरान आलस का त्याग कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेंगे. मेष, मिथुन और वृश्चिक राशि वालों को अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा. वृष, सिंह, तुला, मकर और मीन राशि वालों को गुरु के वक्री होने पर मिलेजुले फल प्राप्त होंगे. गुरु के शुभ फल प्राप्त करने के लिए इन मंत्रों का जाप करें-
गुरु के मंत्र (Guru Ke Mantra)
- ॐ बृं बृहस्पतये नम:
- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:
- ॐ भगवते वासुदेवाय नम:
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