Guru Nanak Dev Jayanti 2022: गुरु नानक जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले सिख गुरु थे. उनका जन्म साल 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. इसलिए हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु नानक जयंती पूरी दुनिया में मनाई जाती है. इस साल गुरु नानक जयंती 8 नवंबर को मनाई जाएगी. सिख धर्म के अनुयायियों के लिए यह जयंती काफी खास होती है. इसे प्रकाश उत्सव या गुरु पर्व भी कहा जाता है. गुरु नानक जयंती उत्सव पूरनमाशी दिवस या पूर्णिमा दिवस से दो दिन पहले शुरू हो जाता है. इसमें अखंड पाठ, नगर कीर्तन आदि जैसे अनुष्ठान शामिल हैं. गुरु नानक जयंती के दिन देश भर के गुरुद्वारों को सजाया जाता है, जहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं.


प्रकाश उत्सव के अनुष्ठान


प्रकाश उत्सव के दो दिन पहले अनुष्ठानों की पूरी श्रृंखला होती है. पहले दिन अखंड पाठ होता है. इस मौके पर गुरुद्वारों को फूलों और रोशनी से भी सजाया जाता है. मुख्य दिन अमृत वेला में उत्सव शुरू होता है. सुबह भजनों का पाठ होता है, जिसके बाद कथा और कीर्तन होता है. प्रार्थना के बाद, सिख लंगर के लिए इकट्ठा होते हैं। लंगर के बाद, कथा और कीर्तन का पाठ जारी रहता है. रात में गुरबानी के गायन के साथ उत्सव का समापन होता है. गुरु नानक जयंती के पवित्र अवसर पर, सिख समुदाय के लोगों कई जगहों पर लंगर चलाते हैं. इन लंगरों में शुद्ध शाकाहारी भोजन जैसे कढ़ी चावल, पूरी आलू, दाल रोटी और खीर बांटी जाती है. 


प्रकाश उत्सव का महत्व


प्रकाश उत्सव कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा के दिन पड़ता है. कार्तिक पूर्णिमा साल भर की पवित्र पूर्णमासियों में से एक है. इस दिन किए गए दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं. इस दिन दीपदान करना बहुत शुभ माना जाता है.


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