Retrograde 2021 Dates: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के वक्री होने की घटनाओं को महत्वपूर्ण माना गया है. जून के महीने में ही सूर्य ग्रहण की घटना घटित हुई थी. अब 5 ग्रह वक्री होने जा रहे हैं. इस माह में बुध सबसे पहले वक्री हुए थे. 3 जून 2021 को ग्रहों के राजकुमार यानि बुध वक्री हुए थे. 7 जुलाई 2021 को बुध मार्गी होंगे. मिथुन राशि में बुध विराजमान हैं.


ये ग्रह होंगे वक्री
ज्योतिष गणना के अनुसार जून के महीने में में राहु, केतु, शनि, बुध और अब गुरु भी वक्री होने जा रहे हैं. गुरु हर साल करीब 4 माह के लिए वक्री होते हैं. वर्ष 2021 में गुरु 20 जून, रविवार को वक्री हो रहे हैं. गुरु को नव ग्रहों में सबसे बड़े ग्रह का दर्जा प्राप्त है.


कुंभ राशि में गुरु होंगे वक्री
20 जून, रविवार को कुंभ राशि में गुरु वक्री होंगे. कुंभ राशि में ही वर्तमान समय में गुरु विराजमान हैं. पंचांग के अनुसार 20 जून 2021 से 14 सितंबर 2021 तक गुरु वक्री अवस्था में रहेंगे.


शनि देव मार्गी कब होंगे
ज्योतिष शास्त्र में शनि का वक्री होना विशेष माना गया है. शनि की उल्टी चाल को शुभ नहीं माना जाता है. शनि वक्री अवस्था में कमजोर हो जाते हैं. शनि की चाल धीमी है. इसलिए उन्हें वक्री चाल में परेशानी होती है. शनि देव एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक जाने में लगभग ढाई वर्ष का समय लेते हैं. शनि बीते 23 मई 2021 को वक्री हुए थे. शनि देव 141 दिनों तक वक्री रहेंगे. 11 अक्टूबर 2021 सोमवार को प्रात: 07 बजकर 48 मिनट पर शनि मार्गी होंगे. शनि वर्तमान समय में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं.


राहु केतु सदैव रहते हैं वक्री
राहु - केतु सदैव वक्री रहते हैं. ये दोनों ग्रह हमेशा उल्टी चाल चलते हैं. ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों को पाप ग्रह की श्रेणी में रखा गया है. इस समय राहु वृष और केतु वृश्चिक राशि में विराजमान हैं.


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