Dev Guru Brihaspti ki Vakri Chaal: ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति इसी नाम के ग्रह के स्वामी माने जाते हैं और नवग्रहों में गिने जाते हैं. इन्हें गुरु या देवगुरु भी कहा जाता है. इन्हें किसी भी ग्रह से अत्यधिक शुभ ग्रह माना जाता है. गुरु या बृहस्पति धनु राशि और मीन राशि के स्वामी हैं. बृहस्पति ग्रह कर्क राशी में उच्च भाव में रहता है और मकर राशि में नीच बनता है. जुलाई महीने में कई ग्रह गोचर और वक्री होने वाले हैं. इनमें देवगुरु बृहस्पति भी शामिल हैं.


ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को ज्ञान, शिक्षा और संतान का कारक माना गया है. ये आगामी 29 जुलाई को अपनी ही राशि मीन में वक्री होने जा रहे हैं. गुरु ग्रह के वक्री होने से कुछ राशि के जातकों के जीवन में बड़े बदलाव आने की संभावना है.आइए जानते हैं गुरु ग्रह की वक्री चाल किन राशियों के जीवन में उथल-पुथल मचाएगी.  


मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए वक्री बृहस्पति बारहवें भाव से वक्री दशा में चलेगा.  मीन राशि में वक्री बृहस्पति आपके लिए औसत से बेहतर साबित हो सकता है.  परंतु इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है.  आर्थिक रूप से यह आपके लिए औसत अवधि हो सकती है.  हालांकि, वेतनभोगी कर्मचारियों और कारोबारी लोगों दोनों के लिए कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. जो लोग शादीशुदा हैं या किसी रिश्ते में हैं, उनका जीवन सद्भाव और शांति से भरा रहने की संभावना है.


वृषभ राशि
देव गुरु बृहस्पति आपके 11वें भाव से वक्री होंगे.  यह वक्री वृषभ राशि के जातकों के लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आने की संभावना है.  कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या की आशंका नहीं है.  जो लोग अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं उनके लिए समय अनुकूल नहीं है.  बृहस्पति की वक्री चाल के दौरान आपको अपने व्यवसाय में अपेक्षित लाभ नहीं मिलने की संभावना है.  दाम्पत्य जीवन में भी समस्याएं आ सकती है.  


सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु ग्रह मीन राशि में वक्री होकर आठवें भाव में रहेंगे.  यह समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.  इस दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.  कुछ अप्रत्याशित खर्चे आपको परेशान कर सकपेशा जातक हैं उन्हें सावधान रहने की जरूरत है.  यह समय आपके लिए अनुकूल नहीं है.  विवाहित जोड़ों के बीच मामूली विवाद हो सकता है.


कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति का मीन राशि में गोचर दूसरे भाव में होने जा रहा है.  यह वक्री ग्रह आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है.  इस समय आपके ख़र्चे बढ़ने की संभावना है, इसलिए आपको इस दौरान किसी भी जोखिम भरी वित्तीय गतिविधियों से बचने का सुझाव दिया जाता है.  आपके और आपके साथी के बीच मामूली बहस हो सकती है, जो बड़ा रूप भी धारण कारण सकती है. 


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