Guruvaar ke Upaay: गुरुवार के दिन करें ये उपाय, आर्थिक स्थिति से लेकर विवाह की दिक्कतें हो जाएंगी समाप्त
Guruvaar ke Upaay: गुरुवार को भगवान विष्णु और बृहस्पति को समर्पित होता है. इस दिन कुछ उपाय करके आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति को प्राप्त कर सकते हैं.
Guruvaar Ke Upaay: हिंदू पंचांग में सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी देवता से संबंधित होती है. जैसे सोमवार का दिन भगवान शंकर, मंगलवार का दिन हनुमान जी. उसी प्रकार गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के साथ बृहस्पति देव को समर्पित है. गुरुवार को उनकी पूजा और व्रत करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
गुरुवार के दिन केले के पेड़ की विधिवत पूजा करने से भी सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार के दिन इन उपायों की मदद से आप जीवन में सफलता और यश को प्राप्त करने के साथ आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, साथ ही हर दुख से छुटकारा मिलता है. आइए जानते हैं गुरुवार से जुड़े कुछ उपायों के बारे में-
आर्थिक तंगी दूर करने के उपाय
अगर आपकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है या आप आर्थिक तंगी से गुज़र रहे हैं तो गुरुवार के दिन केसर डालकर चावल का खीर बनाए. फिर इस केसर युक्त खीर का भोग भगवान विष्णु को लगाए और उसे प्रसाद के रुप खुद ग्रहण करे. ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होंगी.
गुरू के उपाय
अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है तो गुरुवार के दिन जल्दी उठकर स्नान करने के बाद गुरु बृहस्पति की विधिवत पूजा करें. उसके बाद तुलसा की माला से "बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का 108 बार जप करें.
जल्द विवाह के उपाय
गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है. केले के पेड़ में भगवान बृहस्पति का वास होता हैं. गुरुवार के दिन केले के पेड़ पर चने की दाल और गुड़ का भोग लगाएं. केले के पेड़ की सात परिक्रमा करें. ऐसा करने से विवाह में आ रही दिक्कतों समाप्त हो जाएंगी.
गुरुवार व्रत में इन बातों का रखें ध्यान
गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इस दिन पीले वस्त्र पहनें. इस दिन भगवान विष्णु के मंदिर जाकर पूजा अर्चना करें. साथ ही पीले फूल, पीले मिठाई, हल्दी आदि का उपयोग करें. इसके साथ ही केले के पेड़ की पूजा करें. पेड़ की जड़ में गुड़ व दाल अर्पण करें. केले के पेड़ के आगे दीपक जलाएं और उसके आगे ही बैठ कर व्रत कथा का पाठ करें. उपवास में नमक का उपयोग न करें.
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