Hanuman Jayanti: आज हनुमान जयंती का पर्व मनाया जा रहा है. आज के दिन भगवान हनुमान की पूरी विधिपूर्वक पूजा की जाती है. इस दिन लोग हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. पवनपुत्र हनुमान का जन्मोत्सव इस बार लक्ष्मीनारायण योग, वाशी योग, सुनफा योग और व्याघात योग में मनाया जा रहा है. मारुतिनंदन को चोला चढ़ाने से जहां सकारात्मक ऊर्जा मिलती है वहीं कई बाधाओं से मुक्ति भी मिलती है. हनुमानजी को भक्ति और शक्ति दोनों का बेजोड़ संगम माना जाता है.
शास्त्रों के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान श्रीराम की निस्वार्थ सेवा के उद्देश्य से भगवान भोलेनाथ के 11वें रुद्र के रूप में माता अंजना के घर में संकटमोचक हनुमान का जन्म हुआ. शंकर का शिवालय जिस तरह बिना नंदी के नहीं होता है उसी तरह श्रीराम के देवालय की पूर्णता हनुमान की मूर्ति के बिना नहीं होती है. भक्त के बिना भगवान अधूरे हैं. एक दोहे में कहा गया है, 'भगवन् से भक्त बड़े कह गए संत सुजान, पुल बांध रघुवीर चले और कूद गये हनुमान।''
पूजा का शुभ मुहूर्त
उदयातिथि के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव 6 अप्रैल को यानी आज मनाया जा रहा है. इस दिन बजरंगबली की पूजा के लिए सुबह 6 बजकर 6 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक का शुभ मुहूर्त था. इसके बाद अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 2 मिनट से 12 बजकर 53 तक रहेगा.
बजरंग बाण का पाठ दिलाएगा लाभ
हनुमान जयंती के दिन बजरंग बाण का पाठ करने से हर समस्या का समाधान मिल जाता है. अगर आप किसी मुसीबत से घिरे हैं, आपको कोई रास्ता नहीं मिल पा रहा है और आप सभी उपाय व प्रयोग करके हार चुके हैं तो ऐसे में आपको बजरंग बाण का पाठ जरूर करना चाहिए. बजरंग बाण में श्रीराम के नाम की सौगंध दिलाई गई है. ये पंक्ति इस प्रकार है- ''भूत प्रेत पिषाच निसाचर, अगिन बेताल काल मारी मर, इन्हें मारु, तोहिं सपथ राम की, राखु नाथ मर्याद नाम की।।'' बजरंग बाण का पाठ करते समय जब आप श्रीरामजी के नाम की सौगंध उठाएंगे तो हनुमान जी आपकी रक्षा करने जरूर आएंगे.
बजरंग बाण पाठ के नियम
बजरंग बाण के पाठ से पहले श्रीगणेश जी सहित माता सीता व प्रभु श्रीराम का ध्यान अवश्य करें. इसके बाद हनुमान जी का ध्यान करके उन्हें अपनी मनोकामना बता कर बजरंग बाण शुरू करें. जितनी बार बजरंग बाण पाठ का संकल्प लिया है, उतनी बार रुद्राक्ष की माला से पाठ करें. पाठ के दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखें कि सभी शब्दों का उच्चारण बिल्कुल सही हो. इसके बाद दौरान हनुमान जी को प्रसाद के रूप में चूरमा, लड्डू और फल चढ़ाएं.
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