Shani Dev: रावण बहुत बलशाली था. वो ज्ञानी भी था. कहते हैं उसके पास ऐसी शक्ति थी कि वो ग्रहों की चाल को भी बदल सकता था. शनि देव को भी एक प्रभावशाली ग्रह माना गया है. कहते हैं कि शनि की दृष्टि से कोई नहीं बच सकता है. यहां तक कि देवता भी नहीं. यही कारण है कि शनि की दृष्टि से हर कोई बचना चाहता है. एक बार लंकापति रावण ने सभी ग्रहों को लंका में कैद कर लिया. शनि देव को उसने अपने अस्तबल में उल्टा लटका दिया था. ये पूरी कथा क्या है? आइए जानते हैं-


रावण ने सभी ग्रहों को बना लिया था बंदी
पौराणिक कथा के अनुसार रावण का अहंकार सातवें आसमान पर था, तो उसने अहंकार में चूर होकर अपने बल से सभी ग्रहों को बंदी बना लिया था. रावण का गुस्सा शनि देव पर भी टूटा और उसने शनि देव को भी बंधक बना लिया. इसी वक्त हनुमान जी प्रभु राम के दूत बनकर लंका गए हुए थे. रावण ने क्रोध में आकर हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया. बदले में हनुमान जी उसकी लंका को ही जलाकर राख कर दिया. रावण की लंका में आग लगते ही सभी ग्रह आजाद हो गए लेकिन उल्‍टा लटका होने के कारण शनि देव के शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी और वह दर्द से कराह रहे थे. 


शनि पर सरसों का तेल इसलिए चढ़ाते हैं
हनुमान जी की दृष्टि जब शनि देव पर पड़ी तो पीड़ा को शांत करने के लिए हुनमान जी ने उनके शरीर पर सरसों के तेल से मालिश की. इससे शनि देव को बहुत राहत मिली. उसी समय शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया जो भी हनुमान भक्त श्रद्धा भक्ति से मुझ पर तेल चढ़ाएगा उसे सारी समस्‍याओं से मुक्ति मिलेगी. तभी से शनि देव पर तेल चढ़ाना शुभ माना जाता है.


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