Happy Gudi Padwa 2023 Wishes: चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी कि 22 मार्च 2023 को गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया जाएगा. महाराष्ट्र में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है. मराठी समुदाय के लोग गुड़ी पड़वा के दिन घर के बाहर गुड़ी बांधकर पूजा करते हैं. गुड़ी यानी विजय पताका. गुड़ी पड़वा के दिन पताका (ध्वज) लगाने की परंपरा है.
यह पर्व देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग नामों से मनाया जाता है. गुड़ी पड़वा की पूजा के लिए सुबह 06:29 से 07:39 का समय शुभ रहेगा. शास्त्रों के अनुसार गुड़ी पड़वा को संसार का पहला दिन भी माना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी, संसार में सूर्य देव पहली बार उदित हुए थे. गुड़ी पड़वा के शुभ अवसर पर लोग एक दूसरे का मीठा मुंह कर इस पर्व की बधाई देते हैं. साथ ही अपने प्रियजनों को गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं भेजकर ये त्योहार सेलिब्रेट करते हैं.
सुनहरा सवेरा है गुड़ी की पराकाष्ठा
खुशियों की बौछार
और खुशियों की बरसात
स्वर्णिम नव वर्ष की शुरुआत
पिछली यादें गठरी में बांधकर
करे नव वर्ष का इंतज़ार
लाये खुशियों की बरात
ऐसी हो गुड़ी पड़वा से परंपरागत शुरुवात
मधुर संगीत का साज खिले
हर एक पल खुशियां ही खुशियां मिले
दिया बाती से सजाओ गुड़ी का यह पर्व
ऐसे ही रोशन रहे नव वर्ष
बीते पल अब यादों का हिस्सा हैं
आगे खुशियों का नया फरिश्ता है
बाहें फैलाए करो नए साल का दीदार
आया रे आया गुड़ी पड़वा का त्योहार
गुड़ी पड़वा की हैं अनेक कथाएं
गुड़ी ही विजय पताका कहलाए
पेड़-पौधों से सजता है चैत्र माह
इसलिए हिंदू धर्म में ये नववर्ष कहलाए
गुड़ी पड़का की हार्दिक बधाई
आया रे मराठी नव वर्ष आया
खुशियों की सौगात लाया
हँसते गाते खुशियाँ मनाओ
गुड़ी पड़वा पर सबको पूरन पोली खिलाओ
सौभाग्य, धन और समृद्धि, की सौगात लाई है
गुड़ी पड़वा पर खुशियों की बहार आयी है
वृक्षों पर सजती नए पत्तों की बहार
हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार
ऐसा सजता है गुड़ी का त्योहार
मौसम ही कर देता है नववर्ष का सत्कार
एक खूबसूरती एक ताज़गी
एक सपना एक सच्चाई
एक कल्पना एक एहसास
एक विश्वास है
अच्छे दिन और साल की शुरूआत
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