Hastrekha Gyan : हाथ की रेखाओं में जीवन और मस्तिष्क रेखा के बाद जो सबसे महत्वपूर्ण रेखा होता है उसे हृदय रेखा कहा जाता है. इस रेखा का संबंध हमारे स्वभाव से भी होता है. यानि की व्यक्ति का मन कैसा है इसका पता हृदय रेखा से ही चलता है.आइए जानते हैं हृदय रेखा के बारे में-


हृदय रेखा यहां से शुरू होती है


हाथ में हृदय रेखा सबसे छोटी अंगुली कनिष्ठा के नीचे और बुध पर्वत के पास से शुरू होती है. हृदय रेखा अगर दोष रहित है और स्पष्ट है तो इसका फल व्यक्ति को बहुत अच्छा मिलता है. हाथ में इस रेखा का अच्छी स्थिति में होना बहुत ही जरूरी है.


जिनके हाथ में नहीं होती है हृदय रेखा


जिन लोगों के हाथों में हृदय रेखा नहीं होती है, या ये छोटी होती है तो ऐसे व्यक्ति बहुत ही स्वार्थी, चतुर, तर्क करने में माहिर और कामुक होते हैं. ऐसे लोग दिल से नहीं दिमाग से अधिक काम लेते हैं. ऐसे लोग एक प्रकार से संवेदनाओं से दूर होते हैं. ऐसे लोगों के लिए प्रेम का कोई मतलब नहीं होता है. अगर वे प्रेम करते भी हैं तो उसमें कोई स्वार्थ छिपा होता है.


प्यार में मिलता है धोखा


जिन लोगों के हाथ में हृदय रेखा आधी अधूरी या मिटती हुई है तो ऐसे लोगों को प्यार में धोखा या ऐसे लोगों को उनका प्यार नहीं मिलता है. ऐसे लोगों का जब दिल टूटता है तो वे मायूस हो जाते हैं और उनके जीवन में आनंद का भाव समाप्त हो जाता है. ऐसे लोगों पर इसका गहारा असर पड़ता है. इससे उभरना मुश्किल होता है.


अच्छी हृदय रेखा की विशेषताएं


यह रेखा लंबी और बिना दोष के जब आगे बढ़ती है तो व्यक्ति को इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं. जब यह रेखा गुरु पर्वत के पास पहुंचती है तो व्यक्ति प्यार के मामले में समझदार होता है. अगर ये रेखा मस्तिष्क रेखा से जुड़ जाती है या इस रेखा को कोई दूसरी रेखा काट दे तो यह अच्छे फल नहीं देती है. इससे मानसिक तनाव की स्थिति बनती है. मस्तिष्क रेखा और हृदय रेखा आगे जाकर जब मिल जाती हैं तो भी ये शुभ फल नहीं देती है. इससे पत्नी से विवाद की स्थिति भी बनती है. हृदय रेखा लंबी, गहरी और सुंदर तरीके से जब गुरु पर्वत की तरफ बढ़ती है तो ऐसे व्यक्ति प्यार को पाने में सफल होते हैं. ऐसे लोग दिल के साफ होते हैं.


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