Holika Dahan Puja Samagri : प्रेम व सौहार्द्र का पर्व होली में होलिका पूजन करते समय अपने सभी अनिष्टता का नाश, सुख-शांति, समृद्धि व संतान की उन्नति की कामना के साथ ही अपने अंदर के राग, द्वेष, क्लेश, दुःख को होलिका की अग्नि में खत्म हो जाने की प्रार्थना करें. होली के आते ही सब होली की मस्ती में डूब जाते है. कैसे मनाए होली उसकी तैयारी इन सब बातों में लग जाते है. लेकिन इन सब बातों के बीच हम ये बात भूल जाते हैं कि हमें होली की पूजा करते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए.
होली पर पूजा की विधि
- एक थाली में रोली, कच्चा सूत, अक्षत, पुष्प, साबुत मूंग रखें.
- इसके साथ ही बताशे, नारियल, उंबी और बड़कुले यानि छोटे-छोटे उपलों की माला लें.
- इन सब साम्रगी के साथ पानी से भरा पात्र भी रखें.
- इन सभी चीजों के साथ होलिका की पूजा कर लें और होलिका दहन होने के पर परिक्रमा जरुर करें.
होलिका दहन में परिक्रमा का महत्व
होलिका दहन में पूजा, परिक्रमा और प्रसाद का बहुत महत्व होता है.
परिक्रमा करने से सभी दुःखों का नाश होता है और आपकी सभी इच्छाओं को पूर्ण वरदान प्राप्त होता है.
होली पर रखें इन बातों का खास ख्याल
- होली पर किए गए टोने-टोटके का असर होता है.
- इस बात का खास ध्यान रखें कि होली वाले दिन सफेद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। उतार और टोटके का प्रयोग सिर पर जल्दी होता है
- होली के दिन सिप पर टोपी जरुर पहनें या सिर को ढक लें
वैदिक काल में माना जाता था कि वर्ष भर जो अच्छी-बुरी घटनाएं होनी थी वे तो हो - ली. यानी हो चुकी, अब नई उर्जा के साथ नई शुरूआत का संकल्प लें. होली का त्यौहार सिर्फ रंग लगा देने या सरकारी छुट्टी तक ही सीमित नहीं है, यह त्यौहार है अपनी गलतियों से प्रायश्चित करने का, और नई शुरुआत करना का. एक जमाने में जो लोग अपने हुआ करते थे, आज वो कोसों दूर दिल और शरीर से हो चुके है. उन्हें पास लाने का त्यौहार है होली. भूले-बिसरे गीत गाने का त्यौहार है होली.
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