हर व्यक्ति धनवान होने की चाह रखता है. कुछ लोग अच्छी आय के बावजूद बचत नहीं कर पाते हैं. धन संग्रह न हो पाने से आकस्मिक स्थिति में उन्हें संघर्ष का सामना करना पड़ता है. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हाथ के मध्य में मंगल और राहू पर्वत पर भाग्य रेखा, बुध रेखा और मस्तिष्क रेखा के संयोग से बनने वाला त्रिकोण अच्छे संग्रह का संकेतक है. ऐसे व्यक्ति के पास हमेशा धन का भंडार रहता है. यह त्रिभुज जितना बड़ा होता सेविंग्स उतनी अधिक होती हैं. मंगल पर पर्वत के संयोग से ऐसे व्यक्ति के पास भूमि, भवन और वाहन की पर्याप्तता रहती है. बैंक में बचत ग्राफ बढ़ता रहता है.


बुध रेखा और भाग्य रेखा का संयोग व्यापार कुशलता के साथ भाग्यफल की सकारात्मकता को दर्शाता है. इसमें मस्तिष्क रेखा का जुड़ाव व्यक्ति को बुद्धि से धन संपन्नता का संकेत करता है. ऐसे लोगों को घर परिवार के लोगों से बेहतर तालमेल रखना चाहिए. मेहमानों का यथासंभव स्वागत सत्कार करना चाहिए. रहन सहन श्रेष्ठ बनाए रखना चाहिए.


राहू क्षेत्र पर बनने से यह राहू के आकस्मिक अवरोधों पर नियंत्रण कर सकारात्मकता को बढ़ाता है. व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और धैर्य बढ़ता है. वह संतुलित और प्रभावी निर्णय ले पाता है.


मध्यायु में यह अच्छा प्रभाव दिखाता है. 28 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की उम्र में ही व्यक्ति उम्मीद से बेहतर संग्रह में सफल हो जाता है. कुछ लोगों को तो इसका प्रभाव 16 वर्ष की उम्र से ही मिलना आरंभ हो जाता है.