Eclipse 2022 Dates, Timings: इस साल के दोनों अंतिम ग्रहण का समय नजदीक आ चुका है. चंद्र ग्रहण कल यानी कार्तिक पूर्णिमा को लग रहा है तो अंतिम सूर्य ग्रहण चार दिसंबर को लगेगा. ये दोनों की उपछाया होने से इस दौरान सूतक मान्य नहीं होगा. वहीं ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक अगले साल 2022 में कुल चार ग्रहण लगेंगे. इनमें दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण होंगे. साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 को लगेगा और 15 दिन बाद 15 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. यह पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत में भी प्रभावी होगा. ग्रहण का प्रभाव दक्षिणी/पश्चिमी अमेरिका, अटलांटिक और अंटार्कटिका में नजर आएगा.


2022 साल का पहला सूर्य ग्रहण कब (First Solar Eclipse 2022 in India) 
पंचांग अनुसार साल का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल, शनिवार 2022 को 12:15 से 04:07 बजे तक रहेगा. यह आंशिक ग्रहण होगा, जिसका असर दक्षिणी/पश्चिमी अमेरिका, पेसिफिक अटलांटिक और अंटार्कटिका में मिलेगा. खगोलशास्त्रियों के अनुसार 18 साल के अंदर कुल 41 सूर्य ग्रहण लगते हैं, लेकिन एक साल में अधिकतम पांच ग्रहण हो सकते हैं.


दूसरा सूर्य ग्रहण: साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण मंगलवार 25 अक्टूबर को होगा. यह भी आंशिक ही होगा. हिंदू पंचांग अनुसार यह ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार शाम 16:29:10 बजे से 17:42:01 बजे तक रहेगा. जो यूरोप, दक्षिणी/पश्चिमी एशिया, अफ्रीका और अटलांटिका में दिखेगा. इसका प्रभाव भारत में नहीं रहेगा.


2022 का पहला चंद्र ग्रहण कब (Chandra Grahan 2022 date and time)
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार 2022 का पहला चंद्र ग्रहण 15, 16 मई को लगेगा. जो पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. इसका प्रभाव दक्षिणी/पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी/पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पैसिफिक, अटलांटिक, अंटार्कटिका, हिन्द महासागर और भारत में भी दिखने को मिलेगा. इस ग्रहण के दौरान सूतक काल अधिक प्रभावी होगा, ऐसे में अधिक सावधानी रखनी होगी.


साल का दूसरा चंद्र ग्रहण: 15 और 16 मई के बाद 2022 का दूसरा अंतिम चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को लगेगा, जो यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. पहले की तरह यह भी पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. इस दौरान सूतक काल अधिक प्रभावी होगा. इसका प्रभाव भारत समेत दक्षिणी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और हिंद महासागर में देखने को मिलेगा. यह समय भारतीय समयानुसार है. ये सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए भारत में इस ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य नहीं होगा.

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