Rahu Dosh: वैदिक ज्योतिष में राहु को बहुत क्रूर ग्रह माना गया है. कुंडली में राहु दोष हो तो व्यक्ति को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. राहु को एक कष्टकारी ग्रह बताया गया है. राहु का असर कुंडली के बारह भाव में अलग-अलग रूप से पड़ता है. अगर कुंडली में राहु खराब स्थिति में हो तो वह हमेशा खराब फल ही देता है. हालांकि कुंडली में यह ग्रह अगर अच्छी स्थिति में हो तो यह अच्छे फल भी देता है. 


खराब राहु के लक्षण


कुंडली में राहु खराब स्थिति में हो तो कई अशुभ घटनाएं होने लगती हैं. इसके प्रभाव से जातकों को कई प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ता है. राहु जब वाणी पर प्रभाव डालता है तो लोग बात-बात पर झूठ बोलने लगते हैं. अपने थोड़े से फायदे के लिए लोग बड़े से बड़ा नुकसान कर बैठते हैं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है. यह लोग इधर की बात उधर करते हैं. राहु के खराब होने पर ठीक से नींद नहीं आती है. कुछ लोगों को डरावने सपने आते हैं. वो सोते समय बार-बार डर जाते हैं, शरीर में बहुत अधिक कमजोरी का एहसास होता है. जब राहु अशुभ फल दे रहा हो तो उसे शांत करने के प्रयास करने चाहिए. 


राहु दोष दूर करने के उपाय


वैदिक ज्योतिष में राहु दोष दूर करने के कई आसान उपाय बताए गए हैं. जिन लोगों का राहु कमजोर हो तो चांदी का सिक्का हमेशा अपने पास रखना चाहिए. गंगा स्नान करने से भी राहु का दुष्प्रभाव कम होता है. काला कुत्ते पालें या फिर उसे खाना खिलाएं. अंधे लोगों का सहारा बनें. ऐसे लोगों को  मांस-मछली और शराब जैसे मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. भ्रष्टाचार से सदैव दूर रहें. निर्धन लोगों की आर्थिक रूप से सहायता करें. लोहे का छल्ला पहनने से भी लाभ मिलता है.


कुंडली में राहु की स्थिति ठीक करने के लिए हर सोमवार और शनिवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए और काले तिल अर्पित करना चाहिए. सुबह स्नान करने के बाद 'ऊँ रां राहवे नम:' मंत्र का 108 बार जाप करें. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पानी में कुश डालकर नहाने से भी कुंडली से राहु दोष कम होता है. राहु ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बुधवार के दिन नागरमोथा की जड़ को राहु के नक्षत्र के दौरान धारण करें.


राहु के अशुभ प्रभाव से परेशान हैं तो सच्चे मन से शिवजी की आराधना करें. सच्चे मन से भोलेनाथ की आराधना करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और राहु का नकारात्मक प्रभाव कम पड़ता है.  राहु की महादशा से परेशान जातक को शिव साहित्य, शिवपुराण आदि का पाठ करना चाहिए. राहु दोष निवारण के लिए 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है.


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