israel iran Prediction in hindi: ईरान के हमले के बाद तीसरे विश्व युद्ध की चर्चा तेज हो गई है. जिस तरह से 1 अक्टूबर 2024 को ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया उससे दुनिया भर के लोग भयभीत हैं. जंग किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकती है. ये सभी जानते हैं, लेकिन ग्रहों के खेल को कौन टाल सकता है.


ज्योतिष की गणना के मुताबिक ईरान और इजरायल के बीच जंग फिलहाल रूकने वाली नहीं है और आने वाले दिनों में इसमे नए अपडेट और किरदारों की एंट्री होने की प्रबल संभावना है. ईरान का ये हमला जंग का एलान तो नहीं कह सकते हैं लेकिन ये जरूर कहा जा सकता है कि ये चिंगारी है जो कभी भी भयंकर आग का रूप ले सकती है और दुनिया को झुलसा सकती है. 


क्योंकि ग्रहों की स्थिति को देखें तो ईरान ने जिस समय इजरायल पर मिसाइलें दागी उस समय भारतीय समयानुसार रात के 10 बज रहे थे. उस समय कुंडली की जो बनती है वो चौकाने वाली है.


वृषभ लग्न की कुंडली बनती है, जिसमें देव गुरू बृहस्पति विराजमान हैं.  जो कि 3 अक्टूबर को वक्री हो रहे हैं. यहां पर बृहस्पति का वक्री होना शुभ संकेत नहीं दे रहा है, ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है. ये देवताओं के गुरू भी हैं. देव गुरू बृहस्पति का कार्य देवताओं को सलाह देना उनका मार्ग दर्शन करना है. ये ज्ञान, उच्च शिक्षा, प्रशासनिक कार्यों के भी कारक हैं. ऐसे में इनका वक्री होना देश दुनिया के लिए नकारात्मक प्रभाव ला सकता है. किसी प्रकार की सलाह काम नहीं आ सकती है, क्योंकि बृहस्पति ग्रह का एक काम सलाह देना भी होता है.


इस स्थिति में कूटनीति भी प्रभावित हो सकती है. बड़े देशों के लिए समय चुनौति पूर्ण रहने वाला है. दक्षिणी अमेरिकी देशों में भी कुछ उथल-पुथल देखने को मिल सकती है. सूर्य ग्रहण के बाद इन देशों में सरकारों के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं. भ्रष्टाचार और किसी स्कैंडल के सामने आने से जनता की नाराजगी आंदोलन का रूप भी ले सकती है. सोशल मीडिया पर फेक जानकारी प्रसारित होने से लोग भ्रमित हो सकते हैं. क्योकि राहु की दृष्टि तीसरे घर पर भी बनी हुई है. मीडिया और कम्युनिकेशन फील्ड पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है.


तीसरे विश्व युद्ध की स्थिति प्रबल तो नहीं बन रही है लेकिन केतु, गुरू, मंगल और शनि की स्थिति देशों के बीच तनाव की स्थिति का निर्माण अवश्य कर रही हैं. 15 नवंबर 2024 तक का समय मिडिल ईस्ट के देशों के लिए कष्टकारी हो सकता है. यहां पर सत्ता परिवर्तन या सत्ता संघर्ष जैसी स्थितियां भी बन सकती है. राहु की स्थिति खुफिया तंत्र को मजबूत बना रही है. दुनिया के बड़े देशों के कूटनीतिक संबंध प्रभावित होंगे. शनि मार्गी होने तक कमजोर देशों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.


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