जन्म कुंडली : सिंह लग्न में जन्म लेने वाले जातकों में शेर की तरह आदतें पाई जाती है. यह एक अग्नि तत्व प्रधान राशि है. सिंह राशि कालपुरुष की कुंडली के पांचवें भाव की राशि है. पांचवां भाव संतान, जन्मजात ज्ञान और बुद्धि का होता है. जिन लोगों का जन्म सिंह लग्न में होता है वे साहसी होने के साथ साथ गर्म स्वभाव वाले होते हैं. ऐसे लोग नेतृत्व करने वाले होते हैं.
सिंह लग्न का परिचय
सिहं राशि को शिव परिवार का सदस्य माना गया है. क्यों सिंह देवी की सवारी भी है. सिंह को राजसी राशि कहा जाता है. ग्रहों के राजा सूर्य इस लग्न वालों के स्वामी होते हैं. यह क्रूर एवं अग्नि तत्व का लग्न है. यह राशि मघा, पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों के सभी चरणों व उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण से मिलकर बनती है. सिंह लग्न दिनबली है. सिंह लग्न वालों के लिए सूर्य, मंगल और गुरु नैसर्गिक मित्र होते हैं. बुध और चंद्रमा सम होते हैं. शनि, शुक्र इन जातकों के शत्रु होते हैं. यह राशि पूर्व दिशा संचालित करती हैं.
सिंह लग्न के जातक होते हैं आकर्षक
इस लग्न में जन्म लेने वाले जातकों का रंग साफ और लालिमा लिए हुए होता है.इस लग्न के लिए मंगल योगकारक ग्रह है. इस लग्न में कोई ग्रह उच्च या नीच का नहीं होता है. सिंह लग्न में जन्मे जातक देखने में आकर्षक होते हैं. उनके कंधे चौड़े, आंखे सुंदर व भाव प्रकट करनी वाली होती है. यह लोग अपनी बहुत अधिक बातें आंखो से ही प्रकट कर देते हैं. मुख पुष्ट व शरीर का ऊपरी हिस्सा पुष्ट व बली होता है. ऐसा जातक बहुत साहसी होता है. ऐसे जातक आंनदप्रिय होता है और सुखमय ही जीवन व्यतीत करना चाहता है. अगर कुंडली में सूर्य शुभ ग्रहों से दृष्ट और मजबूत हो तो सिंह लग्न वाले अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है, स्पष्टवादी होता है, नीच कामों से घृणा करता है.
जो ठान लेते हैं उसे पूरा करते हैं
सिंह लग्न का व्यक्ति सामने वाले से अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दिमाग का प्रयोग करते हुए भावनात्मक दबाव भी डालते हैं. धैर्यवान व उदार होता है. वह जिस कार्य को अपने हाथ में ले लेता है, उसे पूरे मन से निष्ठा के साथ पूरा करता है. ऐसा जातक एकाएक उत्तेजित नहीं होता बल्कि समझ से काम लेता है. कला, संगीत, नाटक व सिनेमा में गहरी रुचि होती है. ऐसे लोगों में मैनेजमेंट स्कील अच्छी होती है. वे अपना काम निकालना अच्छी तरह से जानते हैं.
चित्त शांत और संतोषी स्वभाव के होते हैं
सिंह लग्न के लोग हर परिस्थिति में खुश रहते हैं, इसमें दुख को भी सुख से गुजार देने की क्षमता होती है. ऐसे जातक सुख में भले ही न हंसे पर दुख में अपने को सुख दरसाने के लिए ज्यादा हंसते हैं. प्रेम के मामले में सिंह लग्न की जातिकाएं बहुत गंभीर और विश्वसनीय होती हैं. ऐसे लोग रुढ़िवादी और परंपराओं में विश्वास रखने वाले होते हैं. जीवन के उत्तरार्ध में प्राय: असफल रहते हैं क्योंकि उनकी अपेक्षाएं और आशाएं अत्यधिक होती हैं, जिन्हें पाने के लिए वे लगातार संघर्षशील रहते हैं पर उनकी इच्छांए अधूरी ही रह जाती हैं। उनमें क्षमा कर देने की आदत होती है.
शीर्ष पर बने रहने की होती है लालसा
सिंह लग्न के जातक किसी से भी प्रसन्न हो जाएं तो उसके लिए पूरे मन से समर्पित रहते हैं. सिंह लग्न के व्यक्ति अपने अधिकारियों तथा बड़ों के द्वारा आमतौर पर गलत समझे जाते हैं और अधिकारीगण उनके बारे में गलत धारणा बना लेते हैं. उनके रहन-सहन में बड़प्पन प्रतीत होता है. वे मित्रता में विश्वसनीय व अटल होते हैं. दुख व चिंता के समय में अपनी सूझबूझ, बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता से काम लेते हैं. इन लोगों में ईष्र्या की भावना बहुत अधिक होती है. इसके अलावा लाभ के लिए गलत योजनाओं को बनाने में भी नहीं चुकते हैं. सिंह लग्न वालों का लोगों से अक्सर अहम टकराता रहता है. राज्य करने की प्रवृत्ति जन्मजात होती है. अधिकारी बनना या लोगों पर राज्य करना इस तरीके के भाव सदैव मन में रहते हैं.
मेधावी होते हैं
सिंह लग्न के जातकों की कुंडली में सूर्य यदि बलवान हो तो ऐसा जातक अतिभाग्यवान होता है. ऐसे व्यक्ति को राज्य में अच्छा पद भी प्राप्त हो सकता है. भाग्य भाव का स्वामी और लग्नेश सूर्य का परममित्र होने के कारण इस लग्न वालों को मंगल बहुत अच्छे परिणाम देता है. सिंह लग्न वालों का स्वामी सूर्य इस लग्न के लिए शुभ फल देता है, इसलिए सूर्य ही लग्नेश होता है. सिंह जातकों को रोज सुबह सूर्य को जल देना चाहिए. इस लग्न के जातकों को माणिक्य धारण करना चाहिए. भाग्य के स्वामी मंगल के लिए मूंगा पहनना चाहिए.
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