जन्म कुंडली : राशि चक्र के अनुसार कर्क राशि को चतुर्थ राशि माना गया है. कर्क लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति एक साथ कई कार्य करने के गुण रखते हैं. इनमे मल्टीटास्किंग टैलेंट होता है. इनमें प्रबंधन की क्षमता भी जन्मजात होती है.
कर्क राशि का परिचय
कर्क राशि पुनर्वसु के एक चरण, पुष्य के चार चरण और अश्लेषा के चरणों से मिलकर बनी है. यह उत्तर दिशा की परिचारिका है. इस लग्न का स्वामी चंद्रमा होता है, चंद्रमा के पास केवल एक ही राशि कर्क का अधिपत्य प्राप्त होता है. इसलिए इस लग्न वालों का लग्नेश चंद्रमा है. इसी राशि में गुरु आकर उच्च के हो जाते हैं, और यहीं पर मंगल आने के बाद नीच के हो जाते हैं. इन लग्न वाले व्यक्तियों की आंखों की पुतली प्रायः काली कम होती है. इनका शरीर का रंग भी साफ होता है. कर्क लग्न वाले व्यक्ति को मोटापे के प्रति बहुत सावधान रहना चाहिए.
लग्जरी लाइफ जीते हैं
जिन लोगो का जन्म कर्क लग्न में होता है उनमे भावुकता, अपार जिज्ञासा, विलासिता, व्यापार दक्षता इनमें कूट-कूट कर भरी होती है. इस लग्न का जातक भोजन का बहुत शौकीन होता है. ऐसे व्यक्तियों को कहां कौन सी खाने की चीज मशहूर है, इन्हें इसकी जानकारी होती है. इन्हें आभूषणों के संग्रह का भी शौक होता है. कर्क वाला व्यक्ति ऐसी चीजों का संग्रह करता रहता है जो भविष्य में मूल्यवान हो सके. कर्क जातक रत्नों को एकत्र करता है भले यह रत्न वस्तु हो या फिर कोई मनुष्य.
समाज में लोकप्रिय होते हैं
इस लग्न के जातकों को घूमने में बहुत मजा आता है. बैठे-बैठे अचानक बाहर जाने का कार्यक्रम बना लेना इनके बायं हाथ का काम है. इन्हें अपने ड्राइंग रूम को सुसज्जित रखने की प्रबल इच्छा रहती है. इन जातकों का जनसंपर्क भी बहुत ज्यादा होता है. भगवान राम की कुंडली भी कर्क लग्न की थी. कर्क लग्न वाले के मन में इच्छा होती है कि उसके कई मकान हों. लग्न में मंगल बैठा हो या फिर लग्न को देख रहा हो तो व्यक्ति की काया बड़ी होती है. यह अति बुद्धिमान, जलविहार का शौकीन होता है. कर्क लग्न का पुरुष जातक अपनी पत्नी से प्रेम करने वाला उसकी बात का पालन करने वाला होता है. देखा गया है कि इस लग्न में जन्मे जातक की चाल सामान्य नहीं होती है. ग्रहों की गति के अनुसार कभी-कभी यह बहुत जल्दी-जल्दी हिरन की तरह और कभी-कभी हाथी की तरह मस्त चाल में चलने लगते हैं. कर्क लग्न वाले के दिमाग में हमेशा कुछ ना कुछ चलता ही रहता है.
कर्क लग्न में भगवान राम ने अवतार लिया था
व्यक्ति को जो लग्न मिलती है उसके पीछे जन्मों के कर्म होते हैं और जिस लग्न में भगवान राम ने अवतार लिया हो वह कोई मामूली लग्न नहीं हो सकती है. काल पुरुष की कुंडली में चतुर्थ भाव की राशि होने के कारण सुख, समृद्धि, निवास स्थान और जनसंपर्क बहुत उच्च कोटि का होता है. कुंडली में चंद्रमा अच्छी और बलवान स्थिति में हो तो ऐसा जातक बहुत ऊंचे पद पर आसीन होता है.
लक्ष्य निर्धारित करने में माहिर
यह एक ही समय पर कई बिंदुओं पर अपनी पकड़ बनाने में दक्ष होता है. यह व्यक्ति अगर किसी को एक बार मन से पकड़ ले या कोई लक्ष्य निर्धारित कर ले तो उसे दुनिया की कोई ताकत छुड़ा नहीं सकती है. इनमें एक बात विशेष होती है, यह एक चीज छोड़ने से पहले दूसरी चीज पर अपना लक्ष्य साध लेते हैं.
कुशल राजनीतिज्ञ होते हैं
यह अपने सेवकों और चहेतों की उन्नति में हमेशा तत्पर रहते हैं. यह जातक कुशल राजनीतिज्ञ होता है. यह अपनी विपरीत परिस्थिति और समय की नजाकत को देखते हुए नरम हो जाते हैं. कर्क लग्न वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व बहुत खुला नहीं होता है. इसके दिमाग में क्या चल रहा है इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. इन लोगों का उद्देश्य सब को नहीं पता चल पाता है.
शत्रुओं को कभी नहीं भूलते
कर्क लग्न वाले जातक के ध्येय की भनक उनके खास लोगों तक को नहीं हो पाती है. यह अपने शत्रुओं को कभी नहीं भूलता, शत्रुओं को अपने लक्ष्य पर ही रखता है. इन लग्न के जातकों में एक सबसे खास बात होती है कि इन में जानवरों के हावभाव को समझने तक की क्षमता हो सकती है. इन्हें पशु पक्षियों से विशेष प्रेम होता है. इन लग्न के व्यक्ति से हनुमान जी बहुत प्रसन्न रहते हैं और जीवन में यही बहुत इन लग्न वालों को देते हैं. मंगल इन लोगों के लिए परमकारक होता है.
Janam Kundli: मिथुन लग्न के जातक होते हैं पराक्रमी, इस क्षेत्र में पाते हैं सफलता