जन्म कुंडली : मिथुन लग्न में जन्म लेने वाले जातक देखने में सुंदर होते हैं. लग्न का अर्थ जन्मकुंडली के प्रभम में जो भी राशि होती है वही जातक लग्न होता है. मिथुन लग्न के जातक की कल्पना शक्ति बहुत ही प्रबल होती है. इस लग्न के जातक शिक्षा और कला के क्षेत्र में अधिक सफल होते हैं. राशि चक्र के अनुसार मिथुन राशि को तीसरे स्थान परद रखा गया है. स्वभाव से मिथुन राशि के जातक दोहरे स्वभाव के होते हैं. इनमें चर व स्थिर दोनो के ही गुण पाए जाते हैं.


मिथुन लग्न के जातक साहसी और पराक्रमी होते हैं


कालपुरुष की कुंडली में मिथुन राशि तीसरे भाव का प्रतिनिधित्व करती है.जन्मकुंडली का तीसरा भाव पराक्रम व साहस का होता है. इसलिए जब तीसरा भाव लग्न बनता है तो व्यक्ति में पराक्रम की कोई कमी नहीं होता है. ऐसे व्यक्ति अत्यधिक परिश्रमी होते हैं.


बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं


मिथुन लग्न के जातकों पर बुध का पूरा प्रभाव देखने को मिलता है. जिस कारण ये बहुमुखी प्रतिभा के मालिक होते हैं. इस लग्न में जन्म लेने वाले जो भी कार्य करते हैं उसे लोग पसंद करते हैं. वायु राशि तत्व होने के कारण इस लग्न के जातकों का मस्तिष्क सदैव चंचल रहता है. ऐसे लोग दिन में भी सपने देखते हैं तो कहना गलत नहीं होगा. ऐसे लोग अपनी कल्पना की दुनिया में खोए रहते हैं.


ललित कलाओं में निपुण होते हैं


मिथुन लग्न में जन्म लेने वाले जातक कला प्रेमी होते हैं. कला का संबंध बुध से है. बुध को सभी ग्रहों में राजकुमार माना गया है. इसलिए बुध का प्रभाव होने से मिथुन लग्न के जातक हमेशा ऊर्जावान और जवान नजर आते हैं. इन्हें गीत, संगीत, नृत्य व कला में रुचि होती है. लेखन के मामले में भी ऐसे लोग निपुण होते हैं. ऐसे लोग हंसी मजाक के शौकिन होने होते हैं. ये बहुत ही हाजिर जवाब होते हैं.


बुध और शुक्र हैं शुभ ग्रह


मिथुन लग्न के लिए बुध लग्नेश व चतुर्थेश होकर शुभ हो जाता है. शुक्र पंचम का स्वामी होकर शुभ है क्योकि यह त्रिकोण स्थान है. शनि की मूल त्रिकोण राशि कुंभ बली त्रिकोण स्थान नवम भाव में पड़ने से शनि भी शुभ होता है. इस लग्न के लिए चंद्रमा दूसरे भाव का स्वामी होकर तटस्थ बन जाता है. सूर्य तृतीयेश होकर अशुभ फलदायी होता है. मंगल 6 वें और 11 वें भाव का स्वामी होकर अशुभ बन जाता है. गुरु सप्तमेश व दशमेश होकर भी शुभ नहीं है और यह मिथुन लग्न के लिए बाधकेश का काम करता है. इस ग्रह को केन्द्राधिपति दोष भी लगता है.


मिथुन लग्न के जातकों के लिए शुभ रत्न


पन्ना-  बुध
हीरा-   शुक्र
नीलम-  शनि


जन्म कुण्डली में बुध, शुक्र  व शनि शुभ होकर कमजोर अवस्था में स्थित हैं तो इन रत्नों को धारण किया जा सकता है.



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