जन्म कुंडली : फरवरी और मार्च का महीना जॉब करने वालों के लिए बहुत ही खास होता है. प्रमोशन, सैलरी में बढ़ोत्तरी और स्थान परिवर्तन की दृष्टि से यह समय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इसलिए इस समय अगर ये लक्षण महसूस हों तो इससे जुड़े ग्रह की अशुभता को फौरन दूर कर लेना चाहिए.


ऑफिस में अगर बॉस से नहीं बन रही है और तनाव की स्थिति बनी हुई है तो यह स्थिति सूर्य ग्रह की अशुभता के कारण पैदा होती है. सूर्य जब जन्मकुंडली में अशुभ फल प्रदान करने लगते हैं व्यक्ति को अपने सीनियरस से अच्छा सहयोग नहीं मिलता है. जिस कारण उसके सामने चुनौतियां खड़ी हो जाती हैं. सूर्य की अशुभता को दूर करने के लिए पूजा करने के बाद सूर्य भगवान को जल चढ़ाना चाहिए.


आफिस के कार्य समय से पूरे न हो पाएं, लगातार काम का बोझ बढ़ता जाए तो समझ लेना चाहिए जन्म कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है. बुध के खराब होने से व्यक्ति काम को समय के भीतर पूरा नहीं कर पाता है. एक कार्य के समाप्त होने से पूर्व ही दूसरा कार्य आ जाता है. बुध की स्थिति को ठीक करने के लिए भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए. हर बुधवार को भगवान गणेश जी के मंदिर जाएं और प्रसाद चढ़ाएं. ऐसा करने से लाभ मिलेगा.


जब मंगल व्यक्ति की जन्म कुंडली में अशुभ हो जाता है तो व्यक्ति को आफिस में गुस्सा आता है. गुस्सा न निकल पाने की वजह से झुंझलाहट होती है. इससे उसकी छवि पर भी असर पड़ता है. यह स्थिति कभी कभी विवाद की स्थिति भी पैदा कर देती है. इसलिए मंगल को शांत करने की कोशिश करनी चाहिए. इसके लिए हर मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और मंगल की अशुभता दूर होती है.


राहु-केतु की खराब होने से सबसे बुरे परिणाम देखने को मिलते हैं. इन ग्रहों के खराब होने से हर कार्य में बाधा पैदा होती है. कोई भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाता है. व्यक्ति सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पाता है जिस कारण नुकसान भी उठाना पड़ता है. भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है. मानसिक तनाव भी प्रदान करता है. इसलिए राहु केतु को शांत करने के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और मासिक शिवरात्रि को व्रत रखना चाहिए. वहीं प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक करने से भी लाभ मिलता है.


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