जन्मकुंडली : प्रथम भाव को लग्न माना गया है. जन्म के समय पंचाग के अनुसार जो भी राशि प्रथम भाव में होगी वही व्यक्ति का लगन माना जाता है. जन्मकुंडली का अध्ययन लग्न से ही आरंभ होता है किसी भी व्यक्ति के भविष्य को जानने के लिए सर्वप्रथम लग्न को देखा जाता है. क्योंकि लग्न में स्थित राशि से ही व्यक्ति के स्वभाव का पता चलता है. मेष लग्न के बाद आज बात होगी वृष लग्न की. आइए जानते हैं वृष लग्न के बारे में....


वृष राशि परिचय


वृष राशि को राशि चक्र  के अनुसार द्वितीय राशि माना गया है. वृष का स्वभाव स्थिर माना गया है. यह एक सौम्य प्रकृति की स्त्री सूचक राशि है. पृथ्वी तत्व और इसकी दिशा दक्षिण मानी गई है वृष राशि मानव शरीर में मुख का प्रतिनिधित्व करती है. यह पृष्ठोदय राशि है. वृष राशि का स्वामी शुक्र  है.


भाग्यशाली होते हैं वृष लग्न के जातक


जिन लोगों का लग्न वृष होता है उनका स्वभाव बहुत ही नैसर्गिक होता है. ऐसे जातक स्वार्थपूर्ण, विवेकपूर्ण, परिश्रमी और सांसारिक व्यवहार में कुशल होते हैं. इस लग्न में जन्म लेने वाले भाग्यशाली, धनी, सुखी व यशस्वी होते हैं. वृषभ राशि का सांकेतिक चिन्ह दोनों ओर विशाल सींगयुक्त बैल है. वृष लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति का मुंह गोल, गर्दन छोटी व मोटी और जंघा मजबूत होती है. कन्धे बलशाली और उन्नत तथा हाथ छोटे और गठीले होते हैं. वृष लग्न वाले जातकों को संगीत, वस्त्राभूषण, गैजेट और सैर सपाटा अच्छा लगता है. इस लग्न में जन्मी महिलाएं सुंदर और विशाल नेत्र वाली होती हैं. इनके कान बड़े होते हैं और मस्तक चौड़ा होता है और देखने में भव्य आकृति होती है.


जिद्दी और अहंकारी होते हैं वृष लग्न के जातक


वृष लग्न के जातक में कभी-कभी स्वाभिमान अहंकार का रूप ले लेता है. गलती करने के बाद भी ऐसे लोग स्वीकार करने में देरी करते हैं. इन्हें क्रोध भी जल्दी आता है. इनमे धैर्य बहुत होता है. विवाद जल्दी करते हैं. ऐसे लोगों के मित्रों की संख्या अधिक होती है. वृषभ लग्न वाले जातक की अगर बात ध्यानपूर्वक न सुनी जाए तो उन्हें गुस्सा भी आ जाता है.


खाने पीने के शौकिन होते हैं


वृष लग्न के जातक सौंदर्य प्रेमी होते हैं. ऐसे लोग दिखने में आकर्षक होते हैं. अगर लग्न पर शुक्र  की दृष्टि हो, शनि का प्रभाव न हो तो बाल प्रौढ़ावस्था तक काले रहते हैं और उम्र का प्रभाव नहीं दिखता. ये कला प्रेमी होते हैं.


वृष लग्न: एक नजर में


शुभ रत्न : नीलम, माणिक, पन्ना
शुभ रंग : हरा, नीला, काला
शुभ दिन : शनिवार, रविवार
इष्ट देव : दुर्गा जी


Janam Kundli: मेष लग्न वाले जातक एक बार जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करके ही मानते हैं