Jaya Ekadashi: आज 20 फरवरी को जया एकादशी मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में इस एकादशी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. जया एकादशी का व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता है. इस एकादशी को सभी पापों का नाश करने वाली एकादशी कहा जाता है. 


जया एकादशी के दिन पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. इस एकादशी से जुड़े कुछ खास नियम होते हैं. जया एकादशी के दिन कुछ काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए. माना जाता है कि इससे पूजा का फल नहीं मिलता है.


जया एकादशी के दिन ना करें ये काम




  • ज्योतिष शास्त्र में तुलसी के पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. नियमित रूप से तुलसी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. तुलसी के पौधे में हर दिन जल अर्पित करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. हालांकि एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में भूलकर भी जल अर्पित नहीं करना चाहिए. 

  • माना जाता है, इस दिन मां तुलसी भी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इसलिए एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित नहीं करना चाहिए. एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से भी बचना चाहिए.

  • एकादशी तिथि के दिन भूलकर भी चावल नहीं खाना चाहिए. धार्मिक कथाओं के अनुसार, एकादशी तिथि के दिन चावल खाने वाला व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाली योनि में जन्म लेता है. वहीं द्वादशी तिथि को चावल खाने से इस योनि से मुक्ति भी मिल जाती है. एकादशी के दिन व्यक्ति को तामसिक भोजन और शराब का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए. 

  • एकादशी व्रत की शुरुआत सूर्योदय से होती है और द्वादशी तिथि पर इसका समापन होता है. एकादशी व्रत का पारण हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए. शुभ मुहूर्त में पारण ना करने से एकादशी का व्रत पूरा नहीं माना जाता है.

  • एकादशी के दिन दातुन या मंजन करना भी वर्जित माना गया है. इस दिन क्रोध करना, झूठ बोलना, चुगली करना और दूसरों की बुराई करने जैसी बुरी आदतों से भी बचना चाहिए. माना जाता है कि इस दिन इन कार्यों को करने से पाप के भागी भी बनते हैं. इस दिन भगवान विष्णु का भजन करना बहुत शुभ माना जाता है.


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