Hemant Soren CM Oath Ceremony: हेमंत सोरेन 28 नवंबर को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, इस दिन कैसी रहेगी ग्रहों की स्थिति
Hemant Soren CM Oath Ceremony: झारखंड में इंडिया गठबंधन की जीत के बाद हेमंत सोरेन एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. ज्योतिष से जानते हैं शपथ ग्रहण के दिन कैसी रहेगी ग्रहों की स्थिति.
Hemant Soren CM Oath Ceremony: महाराष्ट्र के साथ ही भारत के एक और राज्य झारखंड (Jharkhand) में चुनाव संपन्न हुए हैं, जहां इंडिया (I.N.D.I.A) गठबंधन को सरकार बनाने का मौका मिला है और विधायक दल के नेता के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को चुना गया है.
हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने के लिए दावा प्रस्तुत किया है और 28 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह में एक बार फिर से मुख्यमंत्री के रूप में उनके शपथ लेने का समय आ रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की इस बड़ी जीत के बाद से हेमंत सोरेन के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है और नई सरकार के गठन की कवायद आगे बढ़ रही है.
इसी क्रम में हेमंत सोरेन 24 नवंबर को अपना इस्तीफा सौंप कर राज्यपाल से सरकार बनाने का दवा पेश कर चुके हैं और अब बृहस्पतिवार 28 नवंबर 2024 को रांची (Ranchi) में एक बार फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं.
शपथ ग्रहण के दिन ग्रहों की स्थिति
- नई सरकार को लेकर लोगों में नई उम्मीदें जन्म ले रही हैं, इसलिए हम 28 नवंबर 2024 को शपथ ग्रहण के समय की कुंडली यदि देखें तो मकर लग्न की कुंडली बन रही है, जिसके स्वामी शनि (Shani) दूसरे भाव में बैठे हैं. राहु (Rahu) तीसरे भाव में, बृहस्पति पांचवें भाव में, मंगल सातवें भाव में, केतु नौवें भाव में, चंद्रमा दसवें भाव में, सूर्य और बुध ग्यारहवें भाव और शुक्र बारहवें भाव में बैठे हैं.
- इस ग्रह स्थिति केअनुसार तो सरकार के पक्ष में बहुत सारी स्थितियां मुड़ रही हैं. तीसरे भाव में राहु सरकार को पराक्रम दिखाने वाला और जनता के लिए कुछ नया करने वाला बना सकता है.
- ग्यारहवें भाव का सूर्य और बुध भी सूझबूझ से काम करने की तरफ इशारा कर रहा है. पांचवें भाव का स्वामी शुक्र द्वादश में और द्वादश का स्वामी बृहस्पति पांचवें भाव में बैठ कर राशि परिवर्तन कर रहे हैं, जिससे विदेशी जमीन से जोड़कर कुछ नई योजनाएं चालू की जा सकती हैं. सरकार अपना काम बखूबी करेगी.
- ऐसा लगता है लेकिन सप्तम भाव के कर्क राशि के मंगल की वजह से अनेक समस्याएं हो सकती हैं. इससे स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि सरकार के सहयोगी दल सरकार की नीतियों के विरुद्ध जा सकते हैं और आपस में मतभेद होने और अंतर कलह की स्थिति जन्म ले सकती है. इससे बचने के लिए मुख्यमंत्री को बहुत ज्यादा जोर आजमाइश करनी पड़ेगी और कुछ अपनों की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है.
- सरकार को महिलाओं के लिए कुछ विशेष योजनाओं को शुरू करना होगा या उनके लिए कुछ करना होगा. क्योंकि ऐसा न करने पर महिलाओं की नाराजगी सरकार को झेलनी पड़ सकती है. संक्षेप में देखें तो सरकार की स्थिति अच्छी रहेगी लेकिन दबाव तो रहेगा ही.
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