Jyeshta Month 2022 : हिंदू कैलेंडर के अनुसार 17 मई 2022 से ज्येष्ठ मास आरंभ हो चुका है. ज्येष्ठ मास का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है. ज्येष्ठ मास को जेठ का महीना भी कहा जाता है. जेठ का महीना हनुमान जी की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. मान्यता है कि ज्येष्ठ मास में ही हनुमान जी की अपने प्रभु श्रीराम से मुलाकात हुई थी. ज्येष्ठ मास में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए.
प्रात: काल उठकर करें ये काम
ज्येष्ठ मास में दिन बड़ा और रातें छोटी होती हैं. ज्येष्ठ मास में अनुशासित जीवनशैली को अपना चाहिए. मान्यता है कि ज्येष्ठ मास में सूर्य निकलने से पहले बिस्तर छोड़ देना चाहिए. प्रात: काल उठकर लक्ष्मी जी का स्मरण करना चाहिए और माता-पिता, पितरों का आशीर्वाद लेना चाहिए. ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है, मन प्रसन्न रहता है और पूरे दिन एक उत्साह बना रहता है जो लक्ष्य को पूरा करने में मदद करते हैं.
पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यस्था करें
ज्येष्ठ मास में गर्मी अधिक पड़ती है. गर्म हवाएं भी चलती हैं. पानी की कमी महसूस होने लगती है. ऐसे में पशु-पक्षी व्याकुल होने लगते हैं. जो लोग ज्येष्ठ मास में अपने घर पर या घर के बाहर पशु-पक्षियों के लिए पीने के पानी और छाया आदि की की व्यवस्था करनी चाहिए. ऐसा करने से ग्रहों का दोष भी शांत होता है. बुध और शनि जिन लोगों का खराब हैं उन्हें ज्येष्ठ मास में ये कार्य अवश्यक करना चाहिए.
इन चीजों का सेवन करना चाहिए
ज्येष्ठ मास में एक समय का भोजन करना उत्तम माना गया है. इसके साथ ही पानी का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए. साथ बेल का सेवन भी सभी रोगों से दूर रखने वाला बताया गया है. जेठ के महीने में बैंगन नहीं खाना चाहिए. इसे अच्छा नहीं माना गया है. इसके साथ ही दिन में नहीं सोना चाहिए. ज्येष्ठ मास में तिल का दान अकाल मृत्यु से बचाने वाला माना गया है.
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