Kaahal Rajyog 2023: हर व्यक्ति की कुंडली में कोई ना कोई शुभ या अशुभ योग जरूर बनता है. इन शुभ योगों में काहल राजयोग का विशेष महत्व है. माना जाता है कि यह योग जिस भी व्यक्ति की कुंडली में बनता है, तो उसमें शानदार नेतृत्व क्षमता के गुण होते हैं. यह लोग अपने जीवन में प्रभाव, पैसा, प्रसिद्धि, पद और सफलता हासिल करते हैं. आइए जानते हैं कि यह राजयोग कुंडली में कैसे बनता है और इसका क्या महत्व है.
क्या है काहल योग
काहल योग को अत्यंत दुर्लभ योगों में से एक माना जाता है. इस योग का संबंध पराक्रम से जोड़कर देखा जाता है. जिन लोगों की कुंडली में यह योग होता है ऐसे लोग ज्यादातर सेना या फिर पुलिस में होते हैं. हालांकि, यह योग अन्य लोगों की कुंडली में भी मौजूद हो सकता है. इस राशि के लोग अपने जोश और आत्मविश्वास से खूब धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त करते हैं.
कब बनता है काहल योग?
कुंडली में काहल योग उस समय बनता है जब विलासिता और भौतिक सुखों के भाव यानी कि चौथे भाव के स्वामी नौवें भाव के स्वामी के साथ युति करते हैं. इसके अलावा, लग्न भाव के स्वामी या तो चौथे भाव में बैठे हो या अपनी राशि में मौजूद हों तो भी यह योग बनता है. काहल योग ज्यादातर कुंभ लग्न की कुंडली में ही बनता है.
काहल योग का महत्व
ज्योतिष के अनुसार, काहल योग हो तो व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है. जो लोग जीवन में कई बार असफलताओं का सामना करते हैं वो भी इस योग के बाद सफल होने लगते हैं. कुंडली में काहल योग हो तो व्यक्ति समाज में खूब मान-सम्मान हासिल करता है. इस योग से जातक के अंदर जन्म से ही नेतृत्व क्षमता के गुण होते हैं. कुंडली में यह योग हो तो पेशेवर जीवन में हमेशा तरक्की मिलती है.
कुंडली में यह योग प्रबल होने पर व्यक्ति स्वभाव से गुस्सैल और आक्रामक होता है. इसकी वजह से जातकों को कई बार जीवन में कई उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है. इस योग के होने से लोग लोकप्रिय नेता भी बनते हैं और देश-दुनिया पर शासन करते हैं.
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