Kaal Sarp Dosh: कालसर्प दोष को नवीन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सबसे अशुभ दोषों में से एक माना गया है. राहु-केतु से निर्मित होने वाला ये दोष बहुत ही खराब माना गया है. मान्यता है कि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उसके जीवन में छोटी-छोटी चीजों को पाने के लिए भी बहुत संघर्ष करना पड़ता है. इसके साथ ही कुंडली में अन्य ग्रहों की अशुभ स्थिति से इस दोष का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. ऐसा व्यक्ति परेशानियों से मुक्त नहीं हो पाता है. कोई न कोई समस्या उसे जकड़े ही रहती है. 


कालसर्प दोष का कुंडली में समय रहते पता लगाकर उसका उपाय करना चाहिए. कालसर्प के बारे में मान्यता है कि ये दोष व्यक्ति को 42 वर्ष तक परेशान करता है. 


कुंडली में कालसर्प दोष कैसे बनता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कुंडली के सातों ग्रह पाप ग्रह राहु-केतु के मध्य आ जाएं तो कालसर्प दोष बनता है. इसी प्रकार से इस दोष के दो अन्य भेद भी बताए गए हैं. पहला उदित गोलार्द्ध कालसर्प दोष दूसरा अनुदित गोलाद्ध कालसर्प दोष. शास्त्रों में राहु और केतु को सर्प की भांति बताया गया है. सर्प की भांति ये व्यक्ति के भाग्य को जकड़ लेते हैं. राहु को सर्प का मुख और केतु इसकी पूंछ है. जिस व्यक्ति की कुंडली में ये दोष होता है, वो मृत्यु तुल्य कष्ट भोगता है. शास्त्रों में सर्प यानि सांप को काल का पर्याय माना गया है.


अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कंबलम्।
शंखपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नवं नामानि नागानां च महात्मनान।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातं काले विशेषत:।।
तस्य विष भयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्।


अनंत, वासुकि, शेष पद्मनाभ, कंबल, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक और कालिया सभी नागों के देवता है. ऐसा माना जाता है कि जो कोई इनका प्रतिदिन स्मरण करता है. उसे नागों का भय नहीं रहता है और सदैव विजयी प्राप्त करता है.


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कालसर्प के लक्षण (Kaal Sarp Dosh Effects)
जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें कई प्रकार की दिक्कतें होती है. इन दिक्कतों के आधार पर भी समझा जा सकता है कि कुंडली में कालसर्प दोष है-



  • शिक्षा ग्रहण करने में बार-बार रूकावट आना.

  • बुरे सपने दिखाई देना.

  • सपने में सांप दिखाई देना.

  • अकाल मौत का भय बना रहना.

  • अज्ञात भय जैसी स्थिति बनी रहती है.

  • सपने में पानी में गिरना, झगड़ा और  विवाद में फंसना.

  • घर में हर समय कलह बनी रहती है.

  • संतान उत्पत्ति में बाधा आना.

  • जमा पूंजी नष्ट होना.

  • धन की समस्या सदैव बनी रहना.

  • मानसिक शांति न मिलना.

  • ऐसा रोग होना जो देर से पता चलता है.

  • कुष्ट रोग

  • दवा खाने के बाद भी रोग ठीक नहीं होता है.

  • विवाह में देरी.

  • प्रेम विवाह में बाधा.

  • प्रमोशन में दिक्कत

  • शत्रुओं की संख्या अधिक होना.


कालसर्प दोष कितने प्रकार का होता है? (12 Types of Kaal Sarp Dosh)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 प्रकार के कालसर्प दोष का वणर्न मिलता है. जो इस प्रकार हैं-



  1. अनन्त कालसर्प योग

  2. कुलिक कालसर्प योग

  3. वासुकी कालसर्प योग

  4. शंखपाल कालसर्प योग

  5. पद्म कालसर्प योग

  6. महापद्म कालसर्प योग

  7. तक्षक कालसर्प योग

  8. कर्कोटक कालसर्प योग

  9. शंखचूड़ कालसर्प योग

  10. घातक कालसर्प योग

  11. विषधार कालसर्प योग

  12. शेषनाग कालसर्प योग हैं


कालसर्प दोष उपाय (Kaal Sarp Dosh Remedies)



  • श्रीमद्भागवत और हरिवंश पुराण का पाठ करें.

  • दुर्गा पाठ करें.

  • मोर का पंख घर में रखें.

  • कच्चा कोयला शाम के समय सूर्यास्त से पहले जल में प्रवाहित करें.

  • शुक्रवार को कच्ची मूली धार्मिक स्थल पर दें.

  • राहु यंत्र बहते जल में प्रवाहित करें.

  • रसोई में बैठकर भोजन करें.

  • शरीर में पानी की कमी न होने दें. समय समय पर पानी पीएं.

  • लहसुनिया और गोमेद धारण करें.

  • शनिवार के दिन कुत्तों को दूध पिलाएं.


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