Kailash Parvat Mystery in Hindi: तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत या कैलास का उल्लेख हिंदू धर्म के कई ग्रंथों में मिलता है. शिवपुराण, स्कंद पुराण, मत्स्य पुराण आदि में कैलास खंड नाम से अलग अध्याय भी है. इसमें कैलाश पर्वत (Mount Kailash) की महिमा और चमत्कारों के बारे में बताया गया है.


कैलाश पर्वत को भगवान शिव (Lord Shiva) का निवास स्थान माना गया है. यहां भगवान शिव अपने परिवार और अन्य देवी-देवताओं के साथ निवास करते हैं. कैलास मानसरोवर की यात्रा के दौरान इस पर्वत की परिक्रमा की जाती है. कैलाश पर्वत अपने आप कई रहस्यों समेटे हुए है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पर्वत के पास प्राचीन धन कुबेर की नगरी है. मान्यता तो यह भी है कि जो व्यक्ति अपने जीवनकाल में अच्छे और पुण्य कर्मों को करता है. मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को कैलाश पर्वत पर स्थान प्राप्त होता है. जानते हैं कैलाश पर्वत के उन रहस्यों के बारे में जो आपको हैरान कर देंगे.



कैलाश पर्वत के रहस्य (Mystery of Mount Kailash)



  • धरती का केंद्र है कैलाश पर्वत: धरती के एक ओर उत्तरी ध्रुव और दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव है. दोनों के बीच हिमालय स्थित है, जिसका केंद्र है कैलाश पर्वत. वैज्ञानिकों ने कैलाश पर्वत को धरती का केंद्र माना है. धार्मिक दृष्टिकोण से कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्म (हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख) का केंद्र है.

  • अजेय है कैलाश पर्वत: कैलाश पर्वत की ऊंचाई लगभग 6,600 मीटर है, जोकि दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट से कम है. माउंट एवेरेस्ट पर कई लोग चढ़ाई कर चुके हैं. लेकिन ऊंचाई में इससे कम होने के बावजूद भी कैलाश पर्वत के शिखर पर अब तक कोई भी नहीं चढ़ पाया है और यह आज भी अजेय है.

  • पर्वत के शिखर पर कोई नहीं चढ़ सका: कैलाश पर्वत के शिखर पर चढ़ना निषिद्ध है. लेकिन 11वीं सदी के एक बौद्ध भिक्षु योगी मिलारेपा ने कैलाश पर्वत पर चढ़ाई की थी. इस पर्वत के शिखर पर पहुंचकर वापस आने वाले वह पहले इंसान थे. हालांकि पर्वत के शिखर पर चढ़कर वापस आने के बाद मिलारेपा ने कुछ भी नहीं कहा, इस कारण आज भी यह रहस्य बना हुआ है.

  • कैलाश पर्वत से सभी नदियों का उद्गम: कैलाश पर्वत की 4 दिशाओं से 4 नदियों ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलज और करनाली का उद्गम हुआ है. इन नदियों से ही गंगा, सरस्वती समेत अन्य नदियां निकली हैं. कैलाश के चारों दिशाओं में विभिन्न जानवरों के मुख हैं, जिसमें से नदियों का उद्गम होता है. इसके पूर्व में अश्वमुख है, पश्चिम में हाथी का मुख, उत्तर में सिंह का मुख और दक्षिण में मोर का मुख है.

  • गूंजती है डमरू और ॐ की आवाज: कहा जाता है कि कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील के नजदीक जाने पर लोगों को निरंतर एक ध्वनि सुनाई पड़ती है. इस ध्वनि को ध्यान से सुनने में डमरू या ॐ की तरह सुनाई देती है. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना कि, यह आवाज बर्फ के पिघलने से भी हो सकती है.


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