Kamada Ekadashi Puja: हिंदू संवत्सर की पहली एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इसे फलदा एकादशी भी कहते हैं. यह एकादशी चैत्र नवरात्रि के बाद की पहली एकादशी है. कामदा एकादशी कल यानी 1 अप्रैल को मनाई जाएगी. सभी एकादशियों में इस एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. पुराणों में इस एकादशी व्रत को भगवान विष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है. इस दिन भगवान विष्णु की वासुदेव रुप का पूजन किया जाता है.


इस व्रत को करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है और समस्त पापों का नाश होता है. आज के दिन अन्नदान का भी विशेष महत्व होता है. कामदा एकादशी के कुछ खास नियम होते हैं. आइए जानते हैं कि आज के दिन किन गलतियों को करने से बचना चाहिए.



कामदा एकादशी के दिन ना खाएं ये चीजें


एकादशी के दिन खान-पान का बहुत ध्यान रखना चाहिए. अगर आप आज व्रत नहीं भी रख रहे हैं तो एकादशी के दिन कुछ चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए.  इस दिन लहसुन, प्याज, मसूर की दाल, गाजर, शलजम, गोभी, पालक नहीं खाना जाहिए. एकादशी और द्वादशी के द‌िन बैंगन खाना भी अशुभ माना जाता है. इस दिन जौ का सेवन भी नहीं करना चाहिए. मान्यतानुसार 'जौ' महर्ष‌ि मेधा के शरीर से उत्पन्न हुआ है. इसलिए एकादशी पर जौ का सेवन वर्जित माना जाता है.


एकादशनी के दिन चावल भी नहीं खाना चाहिए. चावल का संबंध जल से होता है और जल का संबंध चंद्रमा से माना जाता है. चंद्रमा मन और सफेद रंग के स्वामी माने जाते हैं. इस दिन चावल के सेवन से मानसिक स्थिति कमजोर होती है. इस दिन सेम का सेवन करना संतान के लिए हानिकारक माना गया है.


एकादशी के दिन ना करें ये काम


एकादशी के दिन वृक्ष से पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. इस दिन खुद से गिरा हुआ पत्ता ही उपयोग में लाना चाहिए. एकादशी के दिन इस दिन बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए. इस दिन देर तक नहीं सोना चाहिए. ब्राह्मण को भोजन कराए बिना और दक्षिणा दिए बिना एकादशी व्रत का पारण कभी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से एकादशी व्रत का फल नहीं मिलता है.
 एकादशी के दिन करें ये काम


इस दिन प्रात:काल सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान की पूजा-अर्चना करें. एकादशी पर पूरे दिन भगवान विष्णु का स्मरण करें और रात्रि में पूजा स्थल के समीप जागरण करें.एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी को व्रत का पारण करना चाहिए. ब्राह्मण को भोजन कराकर और दक्षिणा देकर विदा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करें.


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