Kamada Ekadashi Puja: हिंदू संवत्सर की पहली एकादशी है. इसे  कामदा एकादशी या फलदा एकादशी भी कहते हैं. सभी एकादशियों में कामदा एकादशी का विशेष महत्व है. इसे भगवान विष्णु का उत्तम व्रत माना जाता है. कामदा एकादशी का व्रत करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है और हर पाप से छुटकारा मिलता है. कामदा एकादशी के दिन अन्नदान करना भी बहुत शुभ होता है. 


कामदा एकादशी व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. इस एकादशी के बारे में माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को पूरे विधि विधान से करता है उसके जीवन से सभी कष्ट और परेशानियां दूर हो जाते हैं.  एकादशी का पारण कुछ खास चीजों से ही करना चाहिए. आइए जानते हैं कामदा एकादशी के पारण का शुभ मुहूर्त. 



कामदा एकादशी पारण का शुभ मुहूर्त


कामदा एकादशी व्रत का पारण का शुभ मुहूर्त 02 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 40 मिनट से शाम 04 बजकर 10 मिनट के बीच का है. वहीं हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 10 बजकर 53 मिनट तक है.


इन चीजों से ही करें कामदा एकादशी का पारण


एकादशी व्रत का पारण हमेशा ब्राह्मण को भोजन कराकर और उन्हें दान- दक्षिणा देकर विदा करने के बाद ही करना चाहिए. एकादशी के दिन जहां कुछ चीजें खाने की मनाही होती है वहीं पारण में कुछ खास चीजों का खाना जरूरी माना जाता है. एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी के दिन व्रत का पारण करना चाहिए. एकादशी व्रत के दिन चावल खाने की मनाही है लेकिन द्वादशी के दिन चावल खाना उत्तम माना जाता है. 


मान्यता है कि एकादशी के दिन  चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है. वहीं द्वादशी को चावल खाकर व्रत का पारण करने से इस योनि से मुक्ति मिलती है. इस व्रत के पारण में सेम की सब्जी खाना भी उत्तम माना गया है. पारण के भोजन में सेम का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है. एकादशी व्रत पारण में जो भी भोजन पकाया जाता है उसमें शुद्ध घी का प्रयोग जरू करना चाहिए. व्रत के पारण का भोजन गाय के शुद्ध घी में ही बनना चाहिए.


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