Kamika Ekadashi Puja: 13 जुलाई यानी आज कामिका एकादशी मनाई जा रही है. सावन की इस एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है. कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरूप की पूजा की जाती है. आज गुरुवार होने की वजह से इस दिन का महत्व और बढ़ गया है. गुरुवार का दिन विष्णु भगवान का दिन माना जाता है. इस दिन कामिका एकादशी पड़ने से भक्तों को इसका दोगुना फल प्राप्त होगा.


कामिका एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त


कामिका एकादशी पर पूजा का पहला मुहूर्त सुबह 05 बजकर 32 मिनट से सुबह 07 बजकर 16 मिनट तक का था. वहीं पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त 13 जुलाई को सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक का है.



कामिका एकादशी की पूजन विधि


कामिका एकादशी के दिन प्रात:काल स्नान से निवृत्त होकर पहले व्रत का संकल्प लें. पूजाघर में थोड़ा सा गंगाजल छिड़ककर पूजा स्थान को पवित्र कर लें. अब इस स्थान पर एक लकड़ी की चौकी लगाएं और उस पर पीला कपड़ा बिछाएं. इस चौकी पर भगवान विष्‍णु की मूर्ति या फिर तस्‍वीर स्‍थापित करें. इसके बाद विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा प्रारंभ करें. 


कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले फल-फूल,तिल,दूध,पंचामृत आदि अर्पित करें. श्री हरि के नाम का स्मरण करें और भजन-कीर्तन करें. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है. भगवान विष्‍णु की पूजा में तुलसी दल शामिल करने से माता लक्ष्मी की भी कृपा मिलती है. एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी को ब्राह्मण को भोजन और दक्षिणा देकर विदा करने के बाद ही व्रत का पारण करें.


कामिका एकादशी व्रत का महत्व


कामिका एकादशी का व्रत रखने और पूजन करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ पितरों की भी कृपा होती है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से सभी बिगड़े काम भी बनने लगते हैं. इस एकादशी का व्रत जरूर करने से मन से भय-रोग दूर होता है और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. इस एकादशी व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.


ये भी पढ़ें 


ये है शिवजी की प्रिय राशियां, इन लोगों पर हमेशा कृपा बरसाते हैं महादेव


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.