Karnataka CM Race: सिद्धारमैया का जन्म 12 अगस्त 1948 को मैसूर जिले में हुआ. उनकी सूर्य कुंडली के अनुसार देखें तो बुध और सूर्य एक साथ विराजमान होकर बुधादित्य योग बनाते हैं. तीसरे भाव में मंगल और दूसरे भाव में शनि स्थित हैं.
अभी की स्थिति में दशम भाव में राहु प्रबल कूटनीति का कारक विराजमान हैं तथा उसके साथ देव गुरु बृहस्पति भी स्थित हैं, जो भाग्य स्थान का स्वामित्व रखते हैं और सूर्य कुंडली के पंचम भाव में बैठकर सूर्य को और नवम भाव को देखते हैं.
चुनौतियां और अंदरूनी संघर्ष का करना पड़ेगा सामना
वर्तमान समय में सूर्य से अष्टम भाव में शनि का गोचर चल रहा है और दशम भाव में राहु का गोचर उपस्थित है, इसलिए यह साल उनके लिए कांटो से भरा साल रहने वाला है. उन्हें पग-पग पर अपनी अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और कुछ अंदरूनी संघर्ष भी उन्हें देखना पड़ेगा, जिसे यदि वह संभाल पाते हैं तो सभी स्थिति उनके पक्ष में आ सकती है, नहीं तो बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
विपक्ष के साथ, भीतर घात से भी रहना होगा सावधान
उन्हें सरकार चलाने के लिए विपक्ष के साथ-साथ अपने भीतर घात का सामना भी करना पड़ सकता है. साल 2023 से लेकर मई 2024 तक का समय उनकी सरकार के लिए कठिन रहेगा. इस दौरान कुछ ऐसी बातें भी सामने आ सकती हैं, जो उनकी प्रतिष्ठा पर असर डाल सकती हैं, इसलिए उन्हें थोड़ा संभल कर चलना होगा और जनता से किए वादों को निभाना होगा. यह समय निकल जाने के बाद स्थिति अच्छी हो सकती है.
डीके शिवकुमार की कुंडली में सीएम बनने का राजयोग
डीके शिवकुमार का जन्म 15 मई 1962 को केंपेगौड़ा में हुआ. उनकी सूर्य कुंडली वृषभ लग्न की है जिसमें लग्नेश शुक्र और बुध दोनों विराजमान होकर प्रबल राजयोग निर्मित कर रहे हैं. दशम भाव में देव गुरु बृहस्पति स्थित हैं और एकादश भाव में मंगल तथा तृतीय भाव में राहु स्थित हैं. वर्तमान स्थिति में शनि का गोचर दशम भाव में है और राहु द्वादश भाव में देव गुरु बृहस्पति के साथ गोचर कर रहे हैं. यह गोचर अनुकूल न होने के कारण ही उन्हें वर्तमान समय में कुर्सी से दूर रहना पड़ रहा है लेकिन आने वाले समय उनके प्रयास व्यर्थ नहीं जाएंगे, ग्रहों की चाल में उन्हें सीएम की कुर्सी तक पहुंचा सकती है, क्योकि इनकी कुंडली प्रबल राजयोग योग बन रहे हैं.
कर्नाटक में नजर आएगा विकास!
कर्नाटक में क्या होने वाला है, अगर इस पर विचार किया जाए और वर्तमान समय की प्रश्न कुंडली ली जाए तो तुला लग्न के लग्नेश शुक्र नवम भाव में विराजमान हैं और एक अच्छा राजयोग निर्मित कर रहे हैं, लेकिन यहां स्थिति यह देखने योग्य है कि दशम भाव में नीच राशि गति मंगल हैं. पंचम भाव में शनि अपनी राशि के होकर सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि डाल रहे हैं, जहां राहु, चंद्र, बृहस्पति और बुध स्थित हैं तथा सूर्य अष्टम भाव में हैं.
इन ग्रह चाल को देखकर यह कहा जा सकता है कि कर्नाटक में केंद्र सरकार से पैकेज की मांग शीघ्र की जा सकती है. इसके अलावा, विदेशी व्यापार और प्रदेश में बाहरी राज्यों और देशों से आकर काम करने के लिए न्योता देने का काम सबसे पहले होने की संभावना है. सूर्य के अष्टम भाव में होने से कुछ पुराने कारनामे बाहर निकालने के लिए भी सरकार प्रयास करेगी. महिलाओं को विशेष तवज्जो दी जा सकती है.
सरकार का शिक्षा और कृषि पर विशेष फोकस
शिक्षा और कृषि पर विशेष ध्यान दिए जाने की संभावना है. आंतरिक सुरक्षा को लेकर सरकार पसोपेश में रहेगी और इस पर ज्यादा ध्यान देना जरूरी होगा. इसके अलावा, अस्पतालों और मानव संसाधन पर ध्यान दिया जाएगा और गरीबों के लिए किसी नई विशेष योजना को शुरू किया जा सकता है.
प्रश्न कुंडली से विश्लेषण
प्रश्न कुंडली के लग्न में केतु की उपस्थिति यह बताती है कि बहुत बातें छुपी हुई रहेंगी, जिन्हें सबके सामने नहीं लाया जा पाएगा. धर्म को लेकर भी सरकार की ओर से विशेष बात कही जा सकती है.
भीतरघात से जा सकती है सरकार?
संक्षेप में कहा जाए तो कर्नाटक के लिए आने वाला एक साल का कार्यकाल बहुत महत्त्वपूर्ण है, जिसमें सरकार पर संकट भी आ सकता है क्योंकि सत्ता पक्ष में भीतरघात होने की प्रबल संभावना है. अगर सरकार इससे बच जाती है तो फिर अपना कार्यकाल पूर्ण करेगी और कुछ नई योजनाओं को शुरू कर सकती है, जिनमें बुजुर्गों के लिए भी कोई काम होने की संभावना है. अगर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए देखा जाए तो यह उनके लिए परीक्षा की घड़ी है अपने आप को साबित करने के लिए सिद्धारमैया के साथ डीके शिवकुमार का साथ होना बहुत आवश्यक है, नहीं तो आपसी संघर्ष में दिक्कतें बढ़ सकती हैं. इसके विपरीत यदि यह दोनों बड़े नेता मिलकर काम करेंगे तो कर्नाटक को एक अच्छी राह पर ले जाने में कामयाब हो सकते हैं.