Kartik Amavasya Puja: आज 13 नवंबर को कार्तिक अमावस्या मनाई जा रही है. इसे बड़ी अमावस्या और दिवाली अमावस्या भी कहा जाता है. पितरों के तर्पण और दान-पुण्य के कार्यों का इस दिन बहुत महत्व माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात में देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं. जिस घर में शांत वातावरण, स्वच्छता और प्रकाश होता है, वहां लक्ष्मी मां विराजती हैं और परिवार को धन-समृद्धि के परिपूर्ण रहने का आशीर्वाद देती हैं.


कार्तिक अमावस्या पर करें ये काम


स्कंदपुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन गीता पाठ, अन्न , दीप दान करना चाहिए. इसके साथ ही विष्णुप्रिया तुलसी की पूजा करनी चाहिए. आज के दिन भगवान विष्णु को तुलसी भी चढ़ानी चाहिए. माना जाता है कि इससे धन का आगमन होता है. इस दिन अन्नदान करने से सुख बढ़ता है और जातक को दीर्घायु होने का वरदान मिलता है. इस दिन नदी, जलाशय या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए. सूर्य देव को अर्घ्य देने के पश्चात बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें.



ग्रह संबंधित दोष और नवग्रहों की शांति के लिए प्रातःकाल नवग्रह स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम के जाप की विशेष महिमा है. इसके प्रभाव से कुंडली में कितना भी खराब योग हो, वह दूर हो जाता है. माना जाता है कि कार्तिक अमावस्या को किसी देवालय या गरीब व्यक्ति के घर जाकर दीपक जलाने से शनि ग्रह से संबंधित पीड़ा दूर होती है. कार्तिक अमावस्या के दिन शिवलिंग का शहद से अभिषेक करने से सारी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.


कार्तिक अमावस्या पर दीप जलाने का महत्व


कार्तिक अमावस्या पर दीये जलाने की परंपरा है. माना जाता है कि पितृ पक्ष में जब पितृगण धरती पर आते हैं तो उन्हें पुनः पितृ लोक पहुंचने में परेशानी न हो, इसलिये दीयों से प्रकाश किया जाता है. इस दिन पितरों के उद्देश्य से की गई पूजा और दान अक्षय फलदायक देने वाला होता है. अमावस्या पर भगवान शिव और पार्वती जी की विशेष पूजा करने से सारी इच्छाएं पूरी होती हैं.


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