Budhwar Upay: कार्तिक कृष्ण पक्ष की नवमी में सुबह इतने बजे तक बना है गणेश जी की पूजा का उत्तम योग
Ganesh Ji: बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है.19 अक्टूबर 2022 को बुधवार है. इस दिन गणेश जी की पूजा का विशेष संयोग बना है.
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Wednesday Upay: गणेश जी (Ganesh Ji) को प्रथम देवता माना गया है. गणेश जी के कई नाम है. इन्हें गजानन, लंबोदर और विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. गणेश जी को बुद्धि का दाता भी कहा गया है. वर्तमान में कार्तिक मास चल रहा है. इस मास में गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है.
पंचांग के अनुसार 19 अक्टूबर2022, बुधवार को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की नवमी की तिथि है. इस दिन पुष्य नक्षत्र प्रात: 8 बजकर 2 मिनट तक रहेगा. पुष्य नक्षत्र में पूजा पाठ का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में की गई पूजा और शुभ कार्य का उत्तम फल प्राप्त होता है.
इन ग्रहों के स्वामी अपने ही घर में रहेंगे विराजमान
इस दिन कुछ विशेष संयोग भी बन रहे हैं, जो बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा के महत्व को बढ़ा रहे हैं. इस दिन कई ग्रह अपने घर में गोचर कर रहे हैं. कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है जो बुधवार को अपने ही घर में विराजमान है. इसके साथ ही कन्या राशि में बुध,तुला राशि में शुक्र, मकर राशि में शनि और मीन राशि में गुरू विराजमान रहेगे. ये सभी गह स्वग्रही रहेगें.
बुधवार के उपाय
गणेश जी सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करने वाले देवता है. इस दिन पुष्य नक्षत्र में स्नान कर, श्राद्धाभाव से गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. इस दिन गणेश जी की प्रिय चीजों को भोग लगाएं. इस दिन गणेश जी को मोदक और दुर्वा घास चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इसके साथ ही इस आरती को पढ़ें-
गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti )
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जी की पार्वती,पिता महादेवा ।।
एक दंत दया वंत,चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी।।
जय गणेश जय गणेश ,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ।।
पान चढ़े फल चढ़े,ओर चढ़े मेवा।
लड्डूअन का भोग लगे,संत करें सेवा ।।
जय गणेश जय गणेश ,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।।
अंधन को आँख दे,कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया।।
जय गणेश जय गणेश ,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।
सूर श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश ,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।
दीनन की लाज रखो,शंभु सूतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊ बलिहारी।।
जय गणेश जय गणेश ,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा।।
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