वास्तु का संबंध सिर्फ घर के निर्माण से ही नहीं बल्कि घर में रखे सामान से भी है. दरअसल वास्तु शास्त्र में दिशाओं को महत्व दिया गया है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि सभी सामान वास्तु के अनुसार तय दिशा में रखा जाए. ऐसा हो सकता है कि अगर आप जीवन में असफलता देख रहे हों तो इसका कारण आपके घर की किसी वस्तु का गलत दिशा में रखा होना भी हो सकता है.


वास्तु अनुसार घर में चार कोण होते हैं- ईशान कोण, नैऋत्य कोण, आग्नेय कोण और वायव कोण.


1-ईशान कोण
यह जल और भगवान शिव का स्थान है. इस दिशा के स्वामी गुरु ग्रह है.


क्या रखें
पूजा घर, मटका, कुंवा, बोरिंग वाटरटैंक अदि का स्थान बना सकते हैं.


2-आग्नेय कोण
यह अग्नि एवं मंगल का स्थान है. इस दिशा के स्वामी शुक्र ग्रह है.


क्या रखें
रसोई या इलैक्ट्रॉनिक उपकरण आदि का स्थान बना सकते हैं


3-वायव कोण
यह वायु का स्थान है और इस दिशा के स्वामी चंद्र ग्रह है.


क्या रखें 
खिड़की, उजालदान आदि का स्थान बना सकते हैं. यहां गेस्ट रूम भी बना सकते हैं.


4- नैऋत्य कोण
यह पृथ्‍वी तत्व का स्थान है और राहु और केतु इस दिशा के स्वामी है.


क्या रखें
ऊंचा और भारी सामान. टीवी, रेडियो, सी.डी. प्लेयर या खेलकूद का सामान भी यहां रख सकते हैं. नैऋत्य और दक्षिण में अलमारी, सोफा, मेज और सुरक्षित रखे जाने वाले सामान रख सकते हैं.


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