Upay For Ketu: ज्योतिष शास्त्र में राहु की तरह केतु ग्रह को भी क्रूर ग्रह माना जाता है. इसे तर्क, कल्पना और मानसिक गुणों का कारक कहा जाता है. कुंडली में केतु दोष को बहुत अशुभ माना जाता है. केतु दोष के प्रभाव से पीड़ित लोगों में दुर्घटनाओं और सर्जरी, खराब एकाग्रता, अनावश्यक अवसाद, चिंता की समस्या और संपत्ति के नुकसान की संभावना बनी रहती है. इसकी वजह से पूरा जीवन विवादों से घिरा रहता है. ज्योतिष में केतु ग्रह शांति के लिए अनेक उपाय बताये गये हैं. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में.


केतु दोष के लक्षण


कुंडली में केतु की स्थिति कमजोर हो तो व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों से गुजरना पड़ता है. अशुभ केतु के प्रभाव से व्यक्ति का पूरा जीवन संघर्ष में बीतता है. ऐसा व्यक्ति हमेशा विवादों में रहता है. उसे कानूनी मामलों में हार का सामना करना पड़ता है. कमजोर केतु की वजह से व्यक्ति को राजकीय दंड भी झेलना पड़ सकता है.


केतु दोष के उपाय



केतु ग्रह को एक छाया ग्रह माना गया है, जो भगवान गणेश का प्रतिनिधित्व करता है. कुंडली में केतु दोष हो तो केतु यंत्र, केतु मंत्र और भगवान गणेश की आराधना करना प्रमुख उपाय माना जाता है. मतस्य देव की पूजा करें. अशुभ केतु लोगों को चरित्र खराब करने का भी काम करता है. जिन लोगों का केतु कमजोर हो उन्हें माथे पर केसर या हल्दी का तिलक लगाना चाहिए. 


वृद्ध और लाचार व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए. अगर महिलाओं की केतु की स्थिति ठीक नहीं है तो कानों में सोने की बाली पहननी चाहिए. ऐसे लोगों को पिता और पुरोहित का सम्मान करने से लाभ मिलता है. कुत्ता पालने से भी पीड़ित केतु सही होता है. ज्योतिष में केतु ग्रह के लिए लहसुनिया रत्न को बताया गया है। यह रत्न केतु के बुरे प्रभावों से रक्षा करता है. केतु ग्रह के लिये 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है.


केतु मंत्र


केतु की अशुभ दशा से बचने के लिए केतु बीज मंत्र का जाप करें. ये मंत्र इस प्रकार है- ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः. इस केतु मंत्र का 17000 बार उच्चारण करना उत्तम रहता है. 


ये भी पढ़ें


बहुत धैर्यवान होते हैं इस मूलांक के लोग, जीवन में करते हैं बेहतर चुनाव


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.