Ketu: हिंदू धर्म में केतु ग्रह का क्या है महत्व, इसके खराब होने से हो सकती है ये परेशानियां
Ketu: केतु ग्रह अगर किसी की कुंडली में आता है तो क्या प्रभाव डालता है, जानें केतु का ग्रह का परिचय, केतु ग्रह किसका प्रतीक है और इस ग्रह के देवता कौन हैं.
Ketu: केतु ग्रह को एक अशुभ ग्रह माना गया है. केतु का प्रभाव जब व्यक्ति पर पड़ता है तो व्यक्ति को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. केतु को छाया ग्रह माना जाता है.केतु का असर सभी 12 राशियों पर पड़ता ही पड़ता है. अगर किसी की जन्मकुंडली में राहु के साथ केतु होता है तो कालसर्प दोष का निर्माण करता है. आइये जानते हैं केतु से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल.
केतु किसका प्रतीक है? (What does Ketu symbolize?)
केतु विष्णु जी के मत्स्य अवतार से संबंधित है. केतु को हानिकर और लाभदायक, दोनों माना जाता है. जहां एक ओक केतु दुख देता है वहीं सुख भी देता है. केतु अगर किसी कुंडली में होता है उसकी महादशा सात वर्ष तक रहती है.
केतु ग्रह किसका कारक है? (Ketu Planet in Vedic Astrology)
हिंदू धर्म में गणेश जी को केतु का कारक माना गया है. केतु ग्रह को मोक्ष का कारक माना गया है. केतु का प्रभाव व्यक्ति के आत्मिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है. केतु को आध्यात्म, वैराग्य, मोक्ष, तांत्रिक आदि का कारक माना जाता है.
केतु कब खराब होता है? (Ketu Astrology)
केतु की महादशा 7 साल तक चलती है. इस अवधि में व्यक्ति को शुभ और अशुभ दोनों तरह के परिणाम देखने को मिलते हैं. केतु की अंतर्दशा 11 महीने से सवा साल तक होती है. संतानों से अच्छा व्यवहार न करना और घर में हमेशा लड़ाई-झगड़ा करने से भी आपका केतु खराब होता है. साथ ही कुंडली के तृतीय भाव में केतु होने से आपका केतु ग्रह खराब हो सकता है. अगर आपका केतु खराब होता है तो आप परेशान रहेंगे. आपको सिर दर्द, स्किन से जुड़ी समस्या, जोड़ों में दर्द, संतान प्राप्ति में दिक्कतें आने लगती हैं.
केतु के उपाय (Ketu Ke Upay)
कुंडली में अगर आप केतु ग्रह से प्रभावित हैं तो इसके दुष्प्रभावओं को कम करने के लिए केतु ग्रह के देवता गणेश जी की पूजा करें. अगर ऐसा करने से आपको शांति मिलेगी और केतु का प्रभाव भी कम होगा. साथ ही शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल जरुर चढ़ाएं और घी का दीपक शाम के समय जलाएं.कंबल, छाता, लोहा, उड़द, गर्म कपड़े, कस्तूरी, लहसुनिया आदि का दान करें.